
आगरा। आगरा में दो नाबालिग छात्रों ने महंगे स्मार्टफोन की लालसा में आपराधिक रास्ता अपना लिया। कक्षा 10वीं और 11वीं में पढ़ने वाले दो सगे भाइयों ने एक आलू व्यापारी के गले से करीब 9 लाख रुपये की सोने की चेन लूट ली। पुलिस ने महज 10 घंटे में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि लूटी गई चेन को खरीदने वाले सुनार की तलाश अभी जारी है।
पार्क में टहलते समय हुई लूट
घटना शुक्रवार सुबह 7:30 बजे की है। महेंद्र सिंह, जो विश्वकर्मापुरम के रहने वाले और पेशे से आलू व्यापारी हैं, रोज की तरह जोनल पार्क रोड पर मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। उसी दौरान दो बाइक सवार युवक पीछे से आए और झपट्टा मारकर उनके गले से भारी सोने की चेन लूटकर चौपाटी की ओर फरार हो गए। व्यापारी ने शोर मचाकर बदमाशों का पीछा भी किया, लेकिन तब तक वे आंखों से ओझल हो चुके थे। महेंद्र सिंह की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू की।
छात्र निकले लुटेरे, आईफोन खरीदने का था इरादा
जांच में पता चला कि दोनों आरोपी नाबालिग छात्र हैं और सगे भाई हैं। एक 10वीं और दूसरा 11वीं में पढ़ता है। पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया कि वे आईफोन खरीदना चाहते थे, लेकिन पैसे नहीं थे। इसी वजह से उन्होंने लूट का रास्ता चुना।
2.70 लाख में बेची चेन, सुनार की तलाश
चौंकाने वाली बात यह है कि दोनों भाइयों ने बाजार मूल्य 9 लाख रुपये की चेन को सिर्फ 2.70 लाख रुपये में एक सुनार को बेच दिया। पुलिस ने चेन की बरामदगी के लिए सुनार की तलाश शुरू कर दी है।
सवालों के घेरे में सामाजिक निगरानी और पारिवारिक नियंत्रण
यह घटना सिर्फ एक लूट की वारदात नहीं, बल्कि युवाओं में बढ़ती भौतिक इच्छाओं, स्मार्टफोन की अंधी दौड़, और पालकों की निगरानी में कमी की गहरी पड़ताल की मांग करती है। स्कूली उम्र में ऐसे गंभीर अपराध को अंजाम देना समाज के लिए चेतावनी है।
पुलिस ने क्या कहा
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों के नाबालिग होने के कारण उन्हें किशोर न्याय अधिनियम के तहत न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही चेन खरीदने वाले सर्राफ को पकड़कर यह पता लगाया जाएगा कि क्या वह भी किसी आपराधिक नेटवर्क से जुड़ा है। आगरा की इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि अगर समय रहते पारिवारिक संवाद, नैतिक शिक्षा और डिजिटल भोगवाद पर लगाम न लगाई गई, तो समाज का भविष्य शिक्षित अपराधियों की नई पीढ़ी की ओर बढ़ता नजर आएगा। पुलिस की तत्परता सराहनीय रही, परंतु सवाल यह भी है कि स्कूल के बच्चे इतना बड़ा अपराध करने तक पहुंच कैसे गए?