
मथुरा (उत्तर प्रदेश), 16 जून 2025: मथुरा के गोविंद नगर इलाके में रविवार दोपहर करीब 12 बजे एक बड़ा हादसा हो गया, जब मिट्टी धंसने से एक के बाद एक 8 से अधिक मकान भरभराकर गिर गए। हादसे में कम से कम 12 लोग मलबे में दब गए, जिनमें से एक युवक की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। हादसे के समय छुट्टी का दिन होने के कारण अधिकतर लोग अपने घरों में ही मौजूद थे।
हादसे की वजह: मिट्टी का टीला धंसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गिरने वाले सभी मकान एक पुराने मिट्टी के टीले पर बने हुए थे। अचानक टीला धंस गया, जिससे उस पर बने मकानों की नींव कमजोर हो गई और वे एक-एक करके गिरते चले गए। ज्यादातर मकानों की छतें और दीवारें क्षतिग्रस्त हो गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गिरावट इतनी तेजी से हुई कि लोगों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला।
रेस्क्यू ऑपरेशन और प्रशासन की कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही नगर निगम, दमकल विभाग और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं। राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया। मलबे में दबे लोगों को निकालकर जिला अस्पताल भेजा गया। अस्पताल में एक गंभीर रूप से घायल युवक तोताराम (38 वर्ष) पुत्र बजरंग लाल सैनी को मृत घोषित कर दिया गया।
घबराया इलाका, राहत कार्य जारी
हादसे के बाद इलाके में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। मोहल्ले के लोग डर और घबराहट में इधर-उधर भागते नजर आए। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मलबे में कुल कितने लोग दबे हैं। प्रशासन का कहना है कि मलबा हटाया जा रहा है और जो घर गिर गए हैं, उनके परिजनों से लापता लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है।
जांच और आगे की कार्यवाही
प्रशासन ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। यह देखा जा रहा है कि क्या मकान निर्माण में किसी तरह की लापरवाही बरती गई थी या मिट्टी का टीला पहले से असुरक्षित घोषित था। बचाव कार्य में जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद ली जा रही है।
निष्कर्ष:
मथुरा का यह हादसा एक बार फिर यह चेतावनी देता है कि अनियोजित और असुरक्षित निर्माण किस तरह जानलेवा साबित हो सकता है। फिलहाल प्रशासन की ओर से राहत और बचाव का काम जारी है और हादसे की विस्तृत जांच की जा रही है।