बेसिक शिक्षक बनने की पात्रता के लिए अब बीएड की जगह दो वर्षीय डीएलएड अनिवार्य किए जाने के बाद इस साल उत्तराखंड में पहली बार डीएलएड प्रवेश परीक्षा के लिए 40,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। परीक्षा और काउंसलिंग के बाद, राज्य के 13 राजकीय शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डाइट) में 50-50 अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाएगा। अधिक आवेदनों के कारण उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा परिषद ने आवेदन की अंतिम तिथि और परीक्षा के बीच 32 दिनों का अंतर रखा है।
इस वर्ष डीएलएड की महत्वता बढ़ गई है क्योंकि सितंबर 2023 में उच्चतम न्यायालय ने प्राथमिक कक्षाओं के शिक्षकों के लिए बीएड की मान्यता को समाप्त कर दिया है। अब सहायक अध्यापक बनने के लिए केवल दो वर्षीय डीएलएड मान्य है, जिससे अभ्यर्थियों की रुचि बीएड के बजाय डीएलएड में अधिक हो गई है।
इस साल 40 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन्हें शिक्षा परिषद के लिए स्क्रूटनी करना चुनौतीपूर्ण होगा। ऑनलाइन आवेदन की जांच में यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी अभ्यर्थी परीक्षा के लिए पात्र हैं। इसके बाद अनुक्रमांक आवंटन और परीक्षा केंद्र बनाने की प्रक्रिया भी सरल नहीं होगी।
प्रदेश में बेसिक शिक्षकों के 2906 रिक्त पदों को भरने के लिए शिक्षा विभाग ने तीन बार काउंसलिंग की है, लेकिन फिर भी 1166 सीटें खाली हैं। अब तक केवल 1840 पात्र अभ्यर्थी ही मिल पाए हैं। ऐसी स्थिति में सरकार को चौथे राउंड की काउंसलिंग कराने की आवश्यकता पड़ सकती है।