मुरादाबाद। मुरादाबाद के निजी अस्पताल में दरिंदगी की शिकार हुई नर्स ने आपबीती सुनाई तो फफक पड़ी। कुछ देर शांत रहने के बाद पीड़िता बोली डॉक्टर रातभर उसके साथ दरिंदगी करता रहा लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। पीड़िता ने बताया कि अगर रात में किसी से शिकायत करती तो आरोपी डॉक्टर और उसके सहयोगी जहर का इंजेक्शन लगाकर मेरी हत्या भी कर सकते थे। इसलिए सुबह घर पहुंचकर परिवार को पूरी घटना बताई।
डिलारी थाना क्षेत्र के गांव में रहने वाली पीड़िता ने बताया कि वह दस माह से ठाकुरद्वारा के एक निजी अस्पताल में नर्स का काम कर रही थी। शनिवार शाम करीब सात बजे वह ड्यूटी पर पहुंच गई थी। रात करीब साढ़े बारह बजे उसके पास नर्स मेहनाज आई थी। उसने कहा कि अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर डॉ. शाहनवाज बुला रहे हैं। पीड़िता ने बताया कि उसने मेहनाज से डॉक्टर के कमरे में जाने से साफ इन्कार कर दिया था। इसी दौरान वार्ड बॉय जुनैद आ गया और वह उसे जबरन खींचकर डॉक्टर के कमरे में ले गया। इसके बाद आरोपी जुनैद और मेहनाज ने कमरा बाहर से बंद कर दिया था। आरोपी डॉक्टर ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
उसने मदद की गुहार लगाई लेकिन मेहनाज और जुनैद ने उसकी कोई मदद नहीं की। पीड़िता ने बताया कि उसे डर था कि आरोपी अपना गुनाह छिपाने के लिए उसके साथ कोई घटना कर सकते हैं। उसे जहर का इंजेक्शन लगाकर मार भी सकते हैं। इसलिए वह सुबह होने का इंतजार करती रही। अगले दिन 10 बजे दूसरी नर्स आई तो उसने आपबीती सुनाई। इसके बाद पीड़िता ने घर आकर अपने परिवार को घटना की जानकारी दी थी।
दुष्कर्म पीड़िता के पुलिस ने कोर्ट में बयान दर्ज करा दिए हैं। जिसमें उसने अपनी साथ हुई घटना की जानकारी दी है। डिलारी के गांव निवासी एक व्यक्ति ने ठाकुरद्वारा थाने में 18 अगस्त को आरोपी डॉ. शाहनवाज, मेहनाज और जुनैद के खिलाफ केस दर्ज कराया था। जिसमें आरोप लगाया था कि डॉक्टर ने उसकी बेटी के साथ दुष्कर्म किया है। मेहनाज और जुनैद ने आरोपी डॉक्टर का सहयोग किया है। पुलिस ने सोमवार को तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने सोमवार को पीड़िता के बयान दर्ज किए थे। सोमवार पीड़िता के कोर्ट में बयान दर्ज कराए गए। जिसमें पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी है।
पीड़ित नर्स के पिता ने बताया कि वह काशीपुर में एक फैक्टरी में गार्ड हैं। पिता ने बताया कि केस दर्ज होने के बाद भी आरोपी डॉक्टर और उसके सहयोगी के परिजन व रिश्तेदार समझौते के लिए दबाव बनाते रहे। सोमवार सुबह दस बजे कई लोग उसके घर पहुंच गए थे। उन्होंने समझौते के लिए दबाव बनाया था। आरोपियों ने लालच भी दिया लेकिन पीड़िता के पिता ने समझौता करने से साफ इन्कार कर दिया। पिता ने इस मामले की जानकारी पुलिस अफसरों को दी। इसके बाद दो पुलिस कर्मी पीड़िता के घर तैनात कर दिए। पीड़िता के बयान होने तक पीड़िता और उसके परिवार को सुरक्षा दी गई।
ठाकुरद्वारा में निजी अस्पताल में नर्स को बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में सीएमओ ने संबंधित अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर दिया है। इसके साथ ही आरोपी नर्स के खिलाफ भी जांच के निर्देश जारी किए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सील कर दिया था। इसके साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था। सीएमओ ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई थी। अध्यक्ष एडीशनल सीएमओ डाॅ. भारत भूषण, डिप्टी सीएमओ डॉ. नरेंद्र कुमार, एमओआईसी डॉ. राजपाल ने सीएमओ को अपनी रिपोर्ट दे दी।