ऊधम सिंह नगर। रुद्रपुर में लोक निर्माण विभाग की भूमि पर दशकों से काबिज अतिक्रमण पर बृहस्पतिवार को सरकारी बुलडोजर गरजा। इस दौरान चिह्नित 46 भवनों में से 39 कच्चे और पक्के मकानों को आंशिक रूप से तोड़ दिया गया। तीन घंटे तक चली कार्रवाई के बाद भाजपा विधायक और पुलिस प्रशासन आमने-सामने आ गया। उन्होंने हस्तक्षेप कर अभियान रुकवा दिया। इस बीच अभियान की जानकारी मिलने पर गुस्से से तमतमाए विधायक दोबारा गांव पहुंचे और दोनों बुलडोजरों को खदेड़ दिया। उन्होंने लोनिवि ईई को खूब खरीखोटी सुनाई।
काशीपुर हाईवे स्थित ग्राम भगवानपुर कोलड़िया में सड़क किनारे लोक निर्माण विभाग की भूमि पर 46 परिवार काबिज हैं। इस मामले में किसी व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने लोनिवि के ईई और डीएम को अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। लोनिवि ईई ओमपाल सिंह, तहसीलदार दिनेश कुटौला, एसपी सिटी मनोज कत्याल, सीओ सदर निहारिका तोमर की मौजूदगी में अभियान चलाया गया। दो जेसीबी से निर्माण तोड़े गए। लोगों ने विरोध भी किया, लेकिन पुलिस ने अभियान में खलल नहीं पड़ने दिया। मौके पर पहुंचे विधायक शिव अरोरा ने अभियान को रुकवाकर जेसीबी को वापस लौटा दिया।
जेसीबी चालक को पत्थर मारने और टीम के साथ गालीगलौच के बाद पुलिस एक्शन में आ गई थी। पुलिस ने तीन युवकों को पकड़ा तो लोगों ने विरोध जताया। एक युवक को छुड़ाने के लिए महिलाएं पुलिस अधिकारी से उलझ गईं। जिस पर अधिकारी ने उसे धक्का देकर अलग कर दिया। इसके अलावा एक अधिकारी एक युवक पर थप्पड़ बरसाने के बाद उसे धकियाकर ले जाते नजर आए। इसके बाद कुछ महिलाओं को पुलिस ने दौड़ा दिया था। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राकेश जोशी ने बताया कि महिलाओं को दौड़ाया गया और मारपीट की गई। लोगों को घर खाली करने के लिए समय दिया जाना चाहिए था। हालांंकि, पुलिस ने बल प्रयोग करने से इनकार किया है।
पुलिस ने तीन युवकों को हिरासत में लिया तो विधायक, स्थानीय लोग व भाजपा नेता भड़क गए। उन्होंने जूलूस की शक्ल में पहले एक युवक को पुलिसकर्मियों से छुड़ा लिया। कुछ लोग गालीगलौच करते नजर आए। इसके बाद दूसरे युवक को पुलिस से छुड़ाया गया। फिर विधायक वहां खड़ी पुलिस की गाड़ी के पास पहुंचे और कोतवाल पर कड़ी नाराजगी जताते हुए वाहन में बिठाकर रखे गए तीसरे युवक को गाड़ी से बाहर निकलवा दिया। ग्रामीण शंभू नाथ ने कहा कि लोगों को सामान निकलने का वक्त भी नहीं दिया गया। विधायक ने 24 घंटे के वक्त की बात कही थी, लेकिन अधिकारियों ने नहीं सुनी।
दावा किया कि जमीन पर इंदिरा आवास बने हुए हैं। अगर लोनिवि की जगह होती तो यहां इंदिरा आवास होता। यूपी के जमाने में इंदिरा आवास बनाए गए थे। एकतरफा नोटिस दिए गए थे। पूर्व बीडीसी राकेश जोशी ने बताया कि विधायक ने 24 घंटे का समय मिलने के बाद हटाने की बात कही थी। सारी महिलाएं विधाायक के साथ डीएम दफ्तर चली गई और टीम ने निर्माण तोड़ दिए। किसी का सामान नहीं निकाला गया। गर्मी और बरसात है, इसमें ये परिवार कहां जाएंगे। लोनिवि की जमीन पर बने घर बुलडोजर ने मलबे में तब्दील कर दिए थे। घरों को टूटा देख महिलाओं और पुरुषों की आंखों में आंसू थे।
वे लोग घरों से सामान समेटकर सड़क पर जमा कर रहे थे। इसी बीच बच्चे छुट्टी के बाद स्कूल से आए तो टूटे घरों से माता-पिता के साथ सामान समेटने में जुटे गए। स्कूल ड्रेस में बच्चे भूख की परवाह किए बगैर सामान सड़क पर रखते नजर आए। पुलिस प्रशासन ने नेशनल हाईवे 74 के किनारे अतिक्रमण अभियान से पहले बेहद सावधानी बरती थी। हाईवे से गुजरने वालों को कोई नुकसान न हो, इसलिए हाईवे को वन वे कर दिया गया था। हाईवे पर जिस हिस्से में अभियान चलाया, वहां बैरिकेडिंग लगाकर बंद कर दिया था। हाईवे वन वे होने की वजह से यातायात थोड़ा बहुत प्रभावित रहा था।
विधायक शिव अरोरा भगवानपुर कोलड़िया से सीधे डीएम कार्यालय पहुंचे तो उनके पीछे बड़ी संख्या में गांव के लोग भी राहत की उम्मीद में पहुंच गए, लेकिन डीएम कार्यालय पहुंचकर कुछ महिलाओं को उनके घर पर बुलडोजर चलने की जानकारी मिली तो वे चिल्लाने लगीं। एक महिला डीएम कार्यालय के बाहर रोते हुए बोली कि इधर हम मदद की उम्मीद में डीएम कार्यालय आए उधर हमारे घरों पर बुलडोजर चल गए। अपने आशियानों पर बुलडोजर चलने से महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल था। अतिक्रमण अभियान की जद में आए परिवारों के लिए सिर छिपाने के लिए जगह खोजना मुश्किल हो रहा है।
किसी ने जल्दबाजी में रिश्तेदार के घर में शरण ली है तो किसी ने किराया का कमरा लिया है। लेकिन कईं परिवार ऐसे हैं, जिनकी व्यवस्था नहीं हो सकी है। सुबह से रात तक भूखे प्यासे लोग बेहाल हैं। उनके मकानों की बिजली काटी जा चुकी है। सबसे ज्यादा दिक्कत छोटे बच्चे और बुजुर्गों को हो रही है। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य राकेश जोशी ने बताया कि दिनभर परिवार बिना भोजन पानी के रहा था। अब इनके लिए खिचड़ी बनवाकर बंटवाई गई है। कईं परिवार ऐसे हैं, जिनके पास सिर छिपाने के लिए मकान का इंतजाम नहीं हो सका है। सभी परिवार काफी गरीब हैं। अतिक्रमण के मसले पर डीएम उदयराज सिंह से विधायक शिव अरोरा से वार्ता कर रहे थे।
इसी बीच उनको अतिक्रमण हटाने की सूचना मिली तो तमतमा उठे। उन्होंने डीएम के सामने ही लोनिवि के अधिशासी अभियंता को फोन पर कड़ी नाराजगी जताई। कहा कि लोगों को 24 घंटे का समय देने की बात हुई थी। ऐसी कौन सी जिद है कि अभी ही हटा रहे हो। ये लोग कोई बांग्लादेशी थोड़े हैं। इस कार्रवाई को तुरंत रोक दो। फोन कटने के बाद उन्होंने कहा कि यह तरीका ठीक नहीं है। उन्होंने वहां मौजूद नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं को फाेन कर गांव में बुलाने को कह दिया। डीएम से वार्ता कर विधायक सीधे गांव रवाना हो गए। बृहस्पतिवार की सुबह अतिक्रमण हटाने के लिए टीम पहुंची थी तो वे मौके पर गए थे।
उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का सम्मान करने की बात कहते हुए लोनिवि के अधिशासी अभियंता से लोगों को घर खाली करने को दो दिन का वक्त देने को कहा था और कार्रवाई रोकने की बात कहकर वह इस सिलसिले में डीएम से मिलने गए थे। उनके जाते ही टीम ने मकानों को तोड़ना शुरू करा दिया, जो अमानवीय है। लोगाें को वैकल्पिक व्यवस्था करने का मौका दिया जाना चाहिए था। जेसीबी चालक के चोटिल होने के एक घंटे बाद पुलिस ने लोगों के साथ गलत बर्ताव किया। मेरे सामने महिलाओं के साथ पुलिस की ओर से मारपीट की गई और गलत व्यवहार किया गया। संवेदनशील मुद्दे के बीच पुलिस बल प्रयोग करने की कोशिश कर रही थी। यह सब बर्दाश्त योग्य नहीं है। इसकी शिकायत मौके से ही एसएसपी को की गई थी।
हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई थी। कुछ लोग माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस से धक्का मुक्की की गई थी। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ लड़कों को पकड़ा गया था। पुलिस ने किसी को लाठी नहीं मारी है। लोगों को घर खाली करने के लिए शुक्रवार सुबह तक समय दिया गया है।
-मनोज कत्याल, एसपी सिटी।
लोनिवि के अधिशासी अभियंता ने विधायक के आग्रह पर डीएम और एसएसपी से बात कर लोगों को शुक्रवार सुबह तक का समय घर खाली करने को दिया है। शुक्रवार को फिर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाएगी।
-दिनेश कुटौला, तहसीलदार