देहरादून। चारधाम यात्रा के लिए हेली सेवा की बुकिंग आगामी जून तक फुल हो गई है। ऐसे में अगर अब इंटरनेट पर बुकिंग का प्रयास किया तो जेब खाली भी हो सकती है। देशभर में साइबर ठगों ने इंटरनेट पर फर्जी वेबसाइट का जाल बिछा दिया है।
केदारनाथ हेली बुकिंग शुरू होते ही पुलिस के पास ठगी को लेकर शिकायतें पहुंचनी शुरू हो गई हैं। यही नहीं साइबर ठग वीवीआईपी दर्शन और स्पेशल पूजा कराने का झांसा देकर भी लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। फिलहाल, पुलिस सभी मामलों की निगरानी कर रही है।
दरअसल, पिछले साल से हेली टिकटों की बुकिंग आईआरसीटीसी के माध्मय से की जा रही है। पिछले साल स्लॉट के हिसाब से बुकिंग की जा रही थी। शुरुआत में सात, फिर 10 और बाद में 15-15 दिनों के लिए टिकट विंडो खुल रही थी। लेकिन, इस बार आईआरसीटीसी की टिकट विंडो खुलते ही जून तक के टिकट बुक हो गए हैं।
ऐसे में ठगी की संभावना और ज्यादा बढ़ गई है। कारण है कि जब टिकट मुख्य वेबसाइट से बुक नहीं होते तो लोग दूसरे किसी माध्यम की तलाश शुरू कर देते हैं। ऐसे में लगातार सर्च करने और सोशल मीडिया के माध्यम से साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसा लेते हैं।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि केदारनाथ के लिए हेली बुकिंग के नाम पर ठगी साल दर साल बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि लोगों को हेलीकॉप्टर की बुकिंग करते वक्त सचेत रहने की जरूरत है। टिकट नहीं मिल रहे तो अन्य साइटों पर भरोसा न करें। साइबर ठग केदारनाथ हेली बुकिंग के नाम पर लगातार साइट बनाने के साथ सोशल मीडिया पोर्टल पर अपनी पोस्ट डाल रहे हैं। बीते 20 अप्रैल को केदारनाथ धाम के लिए हेली सर्विस बुकिंग खोली गई है। जिन लोगों ने टिकट बुक कर ली है वह अपनी टिकट का ऑनलाइन सत्यापन भी कर सकते हैं।
साइबर ठगों ने पिछले साल भी देशभर में केदारनाथ हेली सर्विस के नाम पर सैकड़ों लोगों को ठगा। पिछले साल इस तरह की 64 वेबसाइटों को बंद कराया गया था। इसके साथ ही 40 के करीब मुकदमे भी अलग-अलग थानों में दर्ज हुए थे। इस बार भी ऐसी साइटों के खिलाफ साइबर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।
हेली टिकट बुकिंग के लिए सरकार ने केवल आईआरसीटीसी को अधिकृत किया हुआ है। बताया कि केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा बुकिंग की आधिकारिक साइट https://heliyatra.irctc.co.in है। इस पर टिकट उपलब्ध हैं तो बुक कराएं। इससे मिलती जुलती वेबसाइट भी खूब होती हैं लेकिन इससे पहले कि ठगी का शिकार हों इसका सत्यापन कर लें।
क्या करें क्या न करें
-हेली टिकट बुकिंग के लिए सोशल मीडिया के प्रचार प्रसार पर ध्यान न दें।
-असली वेबसाइट पर मोबाइल नंबर नहीं लिखा होता है जबकि नकली वेबसाइट के इंटरफेस पर ही मोबाइल नंबर लिखा होता है।
-हेली टिकट बुकिंग के लिए किसी भी मोबाइल नंबर पर फोन न करें।
-सरकार ने बुकिंग के लिए किसी कॉल सेंटर को हायर नहीं किया है ऐसे में किसी भी फोन कॉल पर विश्वास न करें।
-साइबर ठगी होने की दशा में सीधे डॉयल 1930 पर फोन करें।
-बाहर से आने वाले लोग आसपास के थाने या चौकी में अपने साथ हुई ठगी की शिकायत भी कर सकते हैं।