कानपुर। वृद्धावस्था पेंशन न मिलने के कारण जिले के सैकड़ों बुजुर्ग विकास भवन स्थित समाज कल्याण विभाग के चक्कर काटने पर मजबूर हैं। कोई दो साल तो तीन साल से पेंशन के लिए परेशान है। प्रथम तल में स्थित विभाग तक पहुंचने के लिए सीढि़यां चढ़ते-चढ़ते कई बुजुर्गों की सांसें तक फूलने लगती हैं, तो कई कांपते पैरों से किसी तरह सीढि़यां चढ़ते नजर आते हैं। विभाग के कर्मी कभी बैंक की खामी तो कभी आधार लिंक न होने का हवाला देकर बुजुर्गों को लौटा रहे हैं। जिले में 78234 लाभार्थी हैं। इन्हें एक हजार रुपये पेंशन दी जाती है।
दोपहर के दो बजे हैं। चिलचिलाती धूप में 70 वर्षीय बुजुर्ग रामरजनी विकास भवन पहुंचीं। तीन सीढ़ियां चढ़ने के बाद हांफ गईं तो वहीं बैठ गईं। सुस्ताने के बाद पहली मंजिल पर स्थित समाज कल्याण कार्यालय पहुंचीं। एसी कमरे में बैठे कर्मचारियों से पेंशन न मिलने की शिकायत की तो उन्होंने बैंक की गड़बड़ी बताकर लौटा दिया। पैरों में गठिया का दर्द लिए वह सीढ़ियों में तीन बार बैठीं, तब उतर पाईं।
बैरी बिठूर की रहने वाली 74 वर्षीय सरोजनी को दिल की बीमारी है। वह धूप में हांफती हुईं समाज कल्याण विभाग के कार्यालय पहुंचीं। तीन साल पहले उनकी पेंशन बंद हो गई थी। करीब 6 माह बाद कार्यालय पहुंचीं तो आधार लिंक कराने की बात कही गई। आधार लिंक कराया तो फिर फोन नंबर में गड़बड़ी और बैंक की समस्या बताकर लौटा दिया गया। उन्होंने बताया कि तीन साल में सात बार आ चुके, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है। सीढि़यां चढ़ते-चढ़ते सांस फूल जाती है। पेंशन न मिलने से दवा तक नहीं ला पा रही हूं।
दो वर्ष से बंद पेंशन चालू कराने के लिए नवाबगंज की रहने वाली 68 वर्षीय खातून विकास भवन की सीढ़ियां तक नहीं चढ़ पा रही थीं। उन्होंने बताया कि वह पांच बार समाज कल्याण विभाग आ चुकी हैं। कर्मचारी कभी सर्वर खराब तो कभी बैंक की कमी बताकर लौटा देते हैं। घर में दूसरा कोई सहारा देने वाला नहीं है। गरीबी में पेंशन ही सहारा है। वो भी दो वर्ष से बंद है।
सुजातगंज के रहने वाले 74 वर्षीय उस्मान अली को पेशाब में खून आता है। उन्होंने बताया कि इलाज तक के पैसे नहीं हैं। घर में कोई नहीं है। डेढ़ वर्ष पहले पेंशन आना बंद हो गई थी। समाज कल्याण विभाग आए तो बैंक में केवाईसी अपडेट करने की बात कही गई। केवाईसी अपडेट करा दिया तो खाता गड़बड़ होने के बात कहकर लौटा दिया। आज भी सही जानकारी न देकर लौटा दिया।
बुजुर्गों के लिए जल्द ही भूतल पर ऑपरेटर बैठाया जाएगा ताकि उनको सीढि़यां न चढ़ना पड़े। जो बुजुर्ग लंबे समय से भटक रहे हैं, उनकी अपने स्तर से जांच कराऊंगा। इसके बाद जिम्मेदारों से जवाब-तलब होगा।
-सुधीर कुमार, सीडीओ