भारत देश के अन्य हिस्सों की तरह नॉर्थ ईस्ट इंडिया वह हिस्सा है, जहां पर हर दिन हजारों की संख्या में न सिर्फ देशी बल्कि विदेशी पर्यटक घूमने व मौज-मस्ती के लिए पहुंचते हैं। नॉर्थ ईस्ट इंडिया की हसीन वादियों में हसीन तालाब, प्राकृतिक खूबसूरती, अद्भुत व खूबसूरत घाटियां और मनमोहक झील-झरने पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। देश का यह हिस्सा न सिर्फ अपनी खूबसूरती बल्कि प्राचीन औऱ विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलों के लिए भी फेमस है।
ऐसे में अगर आप भी कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको नॉर्थ ईस्ट इंडिया में मौजूद कुछ प्रमुख ऐतिहासिक जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं। ऐसे में आपको भी इन जगहों को एक बार जरूर एक्सप्लोर करना चाहिए। जब भी नॉर्थ ईस्ट इंडिया में स्थित सबसे फेमस और प्रमुख ऐतिहासिक जगह का जिक्र होता है। तो उज्जयंत महल का नाम सबसे पहले लिया जाता है। त्रिपुरा की राजधानी अगरतल्ला में यह भव्य महल मौजूद है।
त्रिपुरा के अलावा पूरे नॉर्थ ईस्ट इंडिया के लिए उज्जयंत महल एक मुख्य शाही स्मारक है। इसको मुगल-यूरोपीय शैली में बनवाया गया है। बताया जाता है कि पहले इस महल को त्रिपुरा विधानसभा के बैठक स्थल के रूप में उपयोग किया जाता है। हांलाकि अब इसको संग्रहालय में तब्दील कर दिया जाता है। घूमने का समय- उज्जयंत महल आप सुबह 10 से शाम 5 बजे तक घूमने जा सकते हैं। यह महल सोमवार को बंद रहता है।
इस फोर्ट को बहुत सारे लोग कंगला महला के नाम से भी जानते हैं। मणिपुर की राजधानी इंफाल में स्थित कंगला फोर्ट प्राचीन और ऐतिहासिक है। यह महल मणिपुर की महानता का भी प्रतीक है। बता दें कि 1632 में कंगला फोर्ट का निर्माण किया गया था। बताया जाता है कि तत्कालीन समय में मणिपुर के मैतेयी राजाओं का इस महल में निवास हुआ करता था। इस फोर्ट के एंट्री गेट पर दो शेर की मूर्तियां हैं।
जिससे कि पर्यटकों को महल अंदर से देखने की उत्सुकता जाग जाती है। कंगला फोर्ट के अंदर म्यूजियम भी मौजूद है। घूमने का समय- यहां पर आप सुबह 9 से शाम 5 बजे के बीच घूमने के लिए आ सकते हैं। नॉर्थ ईस्ट इंडिया के असम में शिवसागर मौजूद है। इसको पहले रंगपुर नाम से भी जाना जाता है। बताया जाता है कि करीब 600 सालों तक शिवसागर अहोम साम्राज्य की राजधानी थी।
असम में स्थित शिवसागर सिर्फ एक नहीं बल्कि कई ऐतिहासिक जगहों से भरा है। यहां पर कई महल और फोर्ट मौजूद हैं, जिनका निर्माण अहोम राजवंश द्वारा करवाया गया था। इनमें से रंगभूमिला, तलातल घर औऱ रंग घर आदि का निर्माण अहोम राजवंश द्वारा कराया गया था। त्रिपुरा के साथ-साथ पूरे नॉर्थ ईस्ट इंडिया के लिए नीरमहल एक ऐतिहासिक जगह है। इसे कई लोग जलमहल के नाम से भी जानते हैं। क्योंकि यह महल पानी के अंदर बना है।
बताया जाता है कि नीरमहल त्रिपुरा साम्राज्य का पूर्व शाही महल हुआ करता था। साल 1930 में महाराजा बीर बिक्रम किशोर माणिक्य बहादुर ने इस महल का निर्माण कराया था। इस महल को बनने में 8 साल का समय लगा था। नीरमहल को हिंदू और मुस्लिम शैली का बेहतरीन समावेश माना जाता है। इस महल को देखने के लिए यहां पर भारी संख्या पर्यटक पहुंचते हैं।
आपको बता दें कि नॉर्थ ईस्ट इंडिया की हसीन वादियों में कई विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक जगहों को आप एक्सप्लोर कर सकते हैं। जैसे- मेघालय में स्थित मौसमाई गुफा, त्रिपुरा में स्थित उनाकोटी रॉक कार्विंग्स, अरुणाचल प्रदेश में स्थित तवांग मठ, मेघालय में स्थित नार्टियांग मोनोलिथ, लगालैंड में स्थित कछारी खंडहर और मिजोरम में स्थित सिबुता लंग आदि जगहें घूम सकते हैं।