इंदौर। इंदौर में सामने आए एक हाईटेक साइबर फ्रॉड ने पुलिस को भी चौंका दिया है। शहर में पहली बार अपनी तरह का पहला सामने आया है। इसमें एक डॉक्टर दंपती को 53 घंटे तक लगातार डिजिटली अरेस्ट करके रखा गया और आखिरकार उनसे आठ लाख 36 हजार रुपए ठग लिए गए। बुधवार को राजेंद्र नगर में रहने वाले इस दंपती ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई। ठगी के दौरान लुटेरों ने इंटरनेशनल कूरियर कंपनी, मुंबई कस्टम विभाग, साइबर क्राइम, सीबीआई और बैंक अफसर बनकर अलग-अलग तरह से बात की।
दंपती ने बताया उनके पास एक फोन आया और बताया गया कि इंटरनेशनल कूरियर सर्विस कंपनी से थाईलैंड के लिए पार्सल डिलीवर हुआ है। फोन पर बात करने वाले ने खुद को कस्टम विभाग का अफसर बताया। कहा कि इसमें एक लैपटॉप, 40 किलो कपड़े और एमडी एमए ड्रग्स मिली है। आपके आधार कार्ड व अन्य आईडी भी निकले हैं, जिन्हें पार्सल डिलीवरी में उपयोग किया गया है। आपके ऊपर अब केस दर्ज होगा।
इसके बाद फर्जी साइबर क्राइम अफसरों से ऑनलाइन कनेक्ट करवाया। उन्होंने कहा कि हम आपके खिलाफ केस दर्ज कर रहे हैं। पार्सल में आपके ही आईडी इस्तेमाल हुए हैं। जिन खातों के जरिए पार्सल का पैसा कूरियर कंपनी को गया है उन खातों में 16 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन है, जो मनी लांड्रिंग के केस से जुड़े हैं। इसमें सीबीआई अधिकारी जांच कर रहे हैं। इसके बाद में फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर कहा कि आईडी आपका ही है।
आपके खाते से 16 करोड़ के ट्रांजेक्शन हुए हैं। आपके आधार कार्ड और आईडी का भी इस्तेमाल हुआ है। डाक्टरों का कहना है कि आखिर में अंग तस्करी में उलझाकर रुपए ऐंठना शुरू किया। खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए आपको इन खातों में पैसा भेजना पड़ेगा। इसके बाद डाक्टर दंपति ने पैसा भेज दिया।