मऊ। मुजफ्फरनगर में बोर्ड की कॉपियों की मूल्याकंन ड्यूटी में तैनात जिस सिपाही ने शिक्षक को गोली मारकर हत्या की है। वह दोहरीघाट थाना क्षेत्र के जमीन कुसुम्हा गांव का रहने वाला है। बीते माह वह 10 दिन की छुट्टी से वापस ड्यूटी स्थल पर गया हुआ था। सोमवार को उसके कृत्य की सूचना से सभी लोग सकते में हैं। आरोपी सिपाही मानसिक रूप से बीमार है, उसका उपचार भी चल रहा है। बीते साल उसने गांव के बाहर बने कुएं में कूदकर जान देने की भी कोशिश की थी।
आरोपी सिपाही चंद्रप्रकाश यादव जमीन कुसुम्हा निवासी स्व. रामवृक्ष यादव के चार बेटों में तीसरे नंबर पर है। उसका बड़ा भाई जहां पीडब्लूडी में है, वहीं दूसरे नंबर का भाई बिल्डिंग मैटेरियल कारोबारी जबकि छोटा भाई सीआरपीएफ में तैनात है। चंद्रप्रकाश की पत्नी अपने तीन बच्चों के साथ वाराणसी में रहती है। घटना के बाद पहुंची अमर उजाला टीम को लोगों ने बताया कि मुजफ्फरनगर कांड की खबर सुनकर एकबारगी तो इस पर यकीन नहीं हुआ, सभी लोग इस घटना से पूरी तरह से सकते में हैं।
बताया कि चंद्रप्रकाश मानसिक रूप से बीमार तो है, लेकिन वह इस तरह से घटना को अंजाम दे सकता है, यह यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है। बताया कि उसकी बीमारी का उपचार वर्तमान में वाराणसी के एक डॉॅक्टर की ओर से किया जा रहा है। इस दौरान बताया कि चंद्रप्रकाश गांव आता जाता था, वह बीते फरवरी के आखिरी तारीख में आया हुआ था, जहां 10 दिन रहने के बाद वह बीते 12 मार्च को चला गया। लोगों ने बताया कि चंद्रप्रकाश की ड्यूटी 20 साल से ज्यादा हो चुकी है, पुलिस विभाग के जिम्मेदारों को भी उसकी बीमारी के बारे में जानकारी होेने के चलते उसकी ड्यूटी सामान्य जगहों पर लगाई जाती थी।
चंद्रप्रकाश के बारे में लोगों ने चर्चा करते हुए बताया कि बीते साल जब वह गांव आया था। वहां उसकी तबीयत खराब होने पर उसका बड़ा भाई उसे जिला मुख्यालय एक डॉक्टर से दिखाने के बाद गांव लौट रहा था। जहां गांव के पहले स्थित प्राथमिक विद्यालय के पास बने कुएं में कूद गया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे किसी तरह से बाहर निकाला था।