महोबा। महोबा जिले में बुखार से पीड़ित मासूम की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। आरोप लगाया कि वार्ड में तैनात कर्मचारी के शराब के नशे में था। कई बार वीगो लगाने के लिए हाथ छेदने के बाद भी उसे नस नहीं मिली।
इससे मासूम की हालत और बिगड़ गई। परिजनों ने दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सीएमएस ने जांच कराकर कार्रवाई का भरोसा दिया। शहर के बजरंग वॉर्ड निवासी विक्रम श्रीवास मेहनत-मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करता है। सोमवार की शाम उसके 11 माह के बेटे अयांश की तबियत बिगड़ गई।
तेज बुखार होने पर रात करीब 12 बजे परिजन उसे जिला अस्पताल ले गए। यहां इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉक्टर ने बच्चे को वॉर्ड नंबर तीन में भर्ती कर दिया। सुबह करीब सात बजे अयांश की मौत हो गई। तब परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
पिता व बच्चे के दादा ओमप्रकाश ने आरोप लगाया कि वॉर्ड में तैनात कर्मचारी शराब के नशे में था। वीगो डालने के लिए कई जगह सुई लगाई, लेकिन नस नहीं मिली। तब वह बच्चे को इमरजेंसी वॉर्ड लाए, जहां एक बार में वीगो लग गई। इसके बाद कर्मचारी ने चार से पांच इंजेक्शन लगाए। सुबह बच्चे की मौत होने पर रेफर बना दिया।
हालत गंभीर होने के बात कहते हुए झांसी ले जाने की सलाह दी, लेकिन बच्चे की मौत हो चुकी थी। परिजनों ने पूरा मामला जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. पवन कुमार अग्रवाल को बताया और र्कारवाई की मांग की। सीएमएस ने समिति गठित कर मामले की जांच कराने और दोषी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया। तब परिजन शांत हुए।