देहरादून। कॉर्बेट पार्क में छह हजार पेड़ काटने और अवैध निर्माण के मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट नैनीताल में सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने इस मामले में प्रदेश सरकार से पूछा था कि क्यों न मामले की सीबीआई जांच कराई जाए। सबकी निगाहें कोर्ट की सुनवाई पर लगी हैं।
माना जा रहा कि कोर्ट ने मामले में यदि सीबीआई जांच कराने के आदेश कर दिए तो तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत व वन महकमे के अफसरों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। सामाजिक कार्यकर्ता देहरादून निवासी अनु पंत ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने कहा कि कॉर्बेट पार्क में छह हजार पेड़ों के कटान के संबंध में विभिन्न रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई।
छह जनवरी 2023 को हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव से भी कहा था कि वह कॉर्बेट पार्क में छह हजार पेड़ों के कटान के प्रकरण पर सभी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें और बताएं कि किन लोगों की लापरवाही और संलिप्तता से ये अवैध कार्य हुए हैं।
इस मामले में शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई होगी। कोर्ट में सुनवाई से ठीक पहले विजिलेंस ने पूर्व कैबिनेट मंत्री के बेटे के कॉलेज और पेट्रोल पंप पर छापे की कार्रवाई की है।
हरक बोले, बताओ कहां काटे 6000 पेड़
तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत ने मीडिया से बातचीत में कहा, कॉर्बेट पार्क में 106 हेक्टेयर भूमि पर पाखरो टाइगर सफारी है। इसमें 16 हेक्टेयर गैर वन क्षेत्र हैं। उसमें पेड़ काटे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि 6000 पेड़ काटे जाने की बात सही नहीं है। बताओ कहां काटे इतने पेड़?