देहरादून। वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में नकल कराने वाले रैकेट का पर्दाफाश कर एसटीएफ ने कोचिंग सेंटर संचालक और निजी कॉलेज के सहायक प्रोफेसर को गिरफ्तार कर लिया। प्रदेश में कल 624 केंद्रों पर परीक्षा होनी है लेकिन ठीक पहले एसटीएफ को इसमें नकल कराने की साजिश का पता चल गया। आरोपियों ने परीक्षा केंद्र से पेपर लीक कर हाईटेक तरीके से ब्लूटूथ डिवाइस के जरिये नकल की योजना बनाई थी। मामले में तीन अभ्यर्थियों के नाम भी सामने आए हैं। एसटीएफ इनके अन्य साथियों की भी तलाश कर रही है।
एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि रविवार को होने वाली वन आरक्षी भर्ती परीक्षा के लिए उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और पुलिस-प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर ली थीं। इस बीच सूचना मिली थी कि हरिद्वार का एक कुख्यात नकल माफिया मुकेश सैनी इसमें भी नकल कराने की तैयारी कर रहा है। वह नारसन में कोचिंग सेंटर चलाता है। इंस्पेक्टर प्रदीप राणा और अबुल कलाम को शामिल करते हुए एक टीम का गठन किया गया। टीम ने शनिवार को नारसन में मुकेश सैनी के कोचिंग सेंटर पर दबिश दी तो वहां सैनी और उसका साथी रचित पुंडीर नकल कराने की योजना बना रहे थे। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि नकल कराने के आरोप में सैनी के खिलाफ चार और रचित के खिलाफ दो मुकदमे पहले से ही दर्ज हैं। सैनी हरचंदपुर, मंगलौर और पुंडीर खंजरपुर, रुड़की का रहने वाला है।
पूछताछ में सैनी ने बताया कि उसने 15 अभ्यर्थियों से नकल कराने का सौदा किया था। उनसे चार-चार लाख रुपये लिए जाने थे। कुछ अभ्यर्थियों ने एडवांस के तौर पर 50 हजार से लेकर एक लाख रुपये भी दे दिए थे। परीक्षा केंद्र पर नकल कराने के लिए उसने कुछ ब्लूटूथ डिवाइस भी मंगाई थी। इन्हें भी एसटीएफ ने बरामद कर लिया है। इस मामले में तीन अभ्यर्थियों प्रदीप, अभिषेक निवासी नसीरपुर मंगलौर और अंकुल निवासी रायसी, लक्सर के नाम भी सामने आए हैं। इन्हें भी मुकदमे में नामजद किया गया है।
एसएसपी ने बताया कि मुकेश सैनी और रचित पुंडीर वर्ष 2020 में भी वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में नकल करा चुके हैं। इस बार भी ये दोनों इसी तरह की योजना बना रहे थे। रचित लक्सर क्षेत्र में प्राइवेट कॉलेज में सहायक प्रोफेसर है। उसकी परीक्षा केंद्रों में ड्यूटी लगती रहती है। इस बार भी ड्यूटी लगनी थी। ड्यूटी के वक्त रचित को परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर मुकेश सैनी को भेजनीं थी। प्रश्नपत्र को हल करने के बाद ब्लूटूथ डिवाइस से अभ्यर्थियों को नकल कराई जानी थी। मुकेश ने छोटी ब्लूटूथ डिवाइस 15 अभ्यर्थियों मुहैया कराई थी।