देहरादून। नगर में भू धंसाव के कारणों को जांचने के लिए विभिन्न स्तर पर जांच की जा रही हैं। आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों की टीम भी यहां पर भू धंसाव प्रभावित क्षेत्रों में जाकर मिट्टी की जांच कर रही है। साथ ही जमीन के अंदर की स्थिति का भी अध्ययन किया जा रहा है। अभी तक टीम ने 11 जगह पर जांच कर ली है।
आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिक सुकांतो दास के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम 18 जनवरी से जोशीमठ के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर परीक्षण कर रही है। टीम हर दिन विभिन्न क्षेत्रों में जाकर मिट्टी की जांच कर रही है। यहां पर जमीन में खुदाई कर अंदर की मिट्टी निकालकर उसकी भी जांच की जा रही है।
इसके लिए जमीन में गड्ढे बनाए जा रहे हैं। साथ ही मशीन लगाकर जमीन के अंदर किस तरह की स्थिति है इसकी भी जांच कर अध्ययन किया जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि वह भू धंसाव से प्रभावित सभी क्षेत्रों में जाकर जांच की जा रही हैं। रविवार को टीम ने मनोहर बाग वार्ड के क्षेत्र में जांच की।
टीम ने रविवार को जोशीमठ-औली रोपवे के टावर नंबर एक के पास भी मिट्टी और जमीन के अंदर की स्थिति का अध्ययन किया। इसके लिए टावर के पास गड्ढा बनाया गया है। जिससे पता चल सके कि भविष्य में टावर को इस भू धंसाव से खतरा हो सकता है या नहीं।