पिथौरागढ़। उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में मौसम फिर बदल गया है। सीमांत जिले पिथौरागढ़ और बागेश्वर के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात हो रहा है। चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में कुछ स्थानों पर बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई है। हिमपात और बारिश से पहाड़ों पर सर्द बढ़ गई है। ऐसे में लोगों ने गर्म कपड़े निकाल लिए हैं।
सीमांत में मौसम करवट बदल चुका है। दोपहर बाद से मौसम का मिजाज बदलने लगा। इस दौरान धारचूला तहसील क्षेत्र के गर्बाधार, गाला क्षेत्र में भारी बारिश हुई। गर्बाधार – सिमखोला मार्ग खोलने गई मशीन भी मौसम के चलते खड़ी रही। वहीं जिले के अन्य क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी हुई। उच्च हिमालय सहित ऊंची चोटियों पर हिमपात हो रहा है। तापमान में गिरावट आ चुकी है।
जिला मुख्यालय पिथौरागढ़ में ही अपरान्ह तीन बजे क बाद हल्की बूंदाबांदी हुई। वहीं आसमान में बादलों की गर्जना रही। जिले के कुछ भागों में तेज हवा चली है। मुनस्यारी से मिली जानकारी के अनुसार पंचाचूचली, हंसलिंग, राजरंभा सहित अन्य चोटियों पर हिमपात हो रहा है। हिमनगरी में तापमान में गिरावट आ चुकी है। मुनस्यारी में न्यूनतम तापमान माइनस 6 डिग्री पहुंचने लगा है। मौसम के चलते बाजारों में भी सायं को भीड़भाड़ कम हो गई।
मुनस्यारी सहित आसपास के क्षेत्रों में ओलावृष्टि के बाद मूसलधार बारिश हो रही है। हिमालय की ऊंची चोटियों पर हिमपात जारी है। नंदा देवी से आदि कैलास, ओम पर्वत तक बर्फबारी शुरू हो चुकी है। धारचूला के उच्च हिमालय में कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग पर छियालेख से आगे हल्का हिमपात होने की सूचना मिली है।
मुनस्यारी में ओलावृष्टि के बाद से लगातार बारिश के चलते दिसंबर जैसी ठंड पडऩे लगी है । बाहर से आए पर्यटक भी होटल के कमरों में दुबके हैं। मुनस्यारी , नामिक , होकरा क्षेत्र में ओलावृष्टि के बाद लगातार बारिश जारी है। मुनस्यारी के तापमान में फिर से गिरावट आ चुकी है।
मंगलवार अपरान्ह से आदि कैलास व अंतिम भारतीय गांव कुटी क्षेत्र में भारी हिमपात हो रहा है। आदि कैलास मार्ग के बंद होने के आसार बने हैं। इस समय आदि कैलास जाने के लिए कई यात्री धारचूला पहुंचे हैं। जहां पर परमिट के लिए आवेदन किया है। मौसम के चलते विगत एक पखवाड़े बाद खुले लिपुलेख मार्ग के फिर से बंद होने के आसार बने हैं।
जिले में मंगलवार अपराह्न बाद मौसम ने एकाएक करवट बदली। हिमालयी गांवों में ओलावृष्टि हुई और अन्य स्थानों पर वर्षा। जिसके कारण ठंड बढ़ गई है। नगर और कस्बाइ क्षेत्रों में सन्नाटा छा गया। तेज अंधड़ होने से ग्रामीण क्षेत्रों में चीड़ के पेड़ गिर गए। जिससे विद्यतु आपूर्ति भी प्रभावित हो गई है। आकाशीय बिजली गिरने के साथ ही तेज अंधड़ चलने से चार बजे ही शाम हो गई।
बाजार आए लोगों ने घरों का रुख किया। जिससे बाजार में सन्नाटा हो गया। सुबह घाटी वाले क्षेत्रों में कोहरा रहा। दिन चढ़ने के साथ ही धूप खिली। साढ़े तीन बजे से मौसम बदला और आसमान में बाछल छा गए। हिमालयी गांव कर्मी, विनायक आदि स्थानों पर ओलावृष्टि हुई। उसके बाद कपकोट, कांडा, गरुड़ आदि स्थानों पर झमाझम वर्षा हुई। अंधड़ के कारण चीड़ के पेड़ बिजली के लाइन पर गिर गए।