देहरादून। उत्तराखंड में डेंगू का प्रकोप थम नहीं रहा है। अब तक डेंगू से पीड़ित मरीजों का आंकड़ा 500 पार हो गया है। देहरादून और हरिद्वार जिले में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालांकि अभी तक प्रदेश में डेंगू से कोई मौत नहीं हुई है।
वर्ष 2019 में डेंगू से पीड़ित मरीजों की संख्या सर्वाधिक रही। उत्तराखंड में 10 हजार से अधिक लोग डेंगू से ग्रसित पाए गए। विशेषज्ञों के मुताबिक तीन साल के बाद डेंगू का प्रकोप बढ़ने की अधिक संभावना रहती है। प्रदेश में अब तक पांच जिलों में ही डेंगू के मामले सामने आए हैं। इसमें देहरादून जिले में अब तक 295, हरिद्वार में 123 मामले शामिल हैं।
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार का कहना है कि सभी जिलों को डेंगू की रोकथाम व बचाव के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। सभी जिलों से रोकथाम व जागरूकता को लेकर रोजाना रिपोर्ट मांगी जा रही है।
डेंगू बुखार के लक्षण हैं तो घबराएं नहीं, घर में रहकर आराम करें
उन्होंने कहा कि डेंगू मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है। सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि किसी क्षेत्र में डेंगू का मामला सामने आता है तो आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों की एलाइजा जांच की जाए। इसके अलावा डेंगू मच्छर का लार्वा को नष्ट करने के लिए फॉगिंग, कीटनाशक दवाई का छिड़काव करने को कहा गया है।
डेंगू संक्रमण को रोकने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और नगर निगम के संयुक्त तत्वावधान में सेवन प्लस वन अभियान के तहत विभिन्न क्षेत्रों में जनसमुदाय को डेंगू के प्रति जागरूक किया। अभियान के तहत मायाकुंड, चंद्रेश्वर नगर, चंद्रभागा, सर्वहारा नगर आदि क्षेत्रों में टीम ने गंदगी से उत्पन्न डेंगू मच्छर का लार्वा नष्ट किया।
सेवन प्लस वन अभियान के संस्थापक एम्स के डॉ. संतोष कुमार ने कहा इस समय जिस किसी व्यक्ति में डेंगू बुखार के लक्षण हैं, घबराए नहीं और घर में रहकर आराम करें, अपने पूरे शरीर को ढक कर रखें, खासकर दिन के समय मच्छरदानी का उपयोग करें, ताकि मच्छर से दूसरे व्यक्तियों में डेंगू न फैल सकें।
खूब पानी पिएं, अपने आपको खूब हाइड्रेट रखें, ज्यादा बुखार आने पर केवल पैरासिटामोल दवा का ही सेवन करें, शरीर पर लाल, सफेद रंग के चकते पड़ने, नाक, मुंह से रक्तस्राव होने पर तरंत चिकित्सक से संपर्क करें।