
देहरादून। उत्तराखंड में वर्ष 2022 में हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड का मामला एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो और ऑडियो क्लिप ने देहरादून से लेकर दिल्ली तक सियासी हलचल तेज कर दी है। तीन साल पहले हुए इस जघन्य हत्याकांड में तीनों आरोपियों को उम्रकैद की सजा हो चुकी है, लेकिन उस दिन वनंत्रा रिजॉर्ट में मौजूद बताए जा रहे कथित “VIP” का नाम अब तक सार्वजनिक न होने से यह मामला बार-बार राजनीतिक बहस का विषय बनता रहा है।
हालिया विवाद की शुरुआत भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी द्वारा सोशल मीडिया पर जारी एक फेसबुक लाइव वीडियो से हुई। वीडियो में महिला ने अंकिता हत्याकांड से जुड़े एक कथित VIP का जिक्र करते हुए उसे भाजपा का बड़ा नेता बताया। वीडियो में ‘गट्टू’ नाम का उल्लेख करते हुए कहा गया कि घटना के दिन वह रिजॉर्ट में मौजूद था और पूरे मामले की जानकारी एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य के पास है। महिला ने एक ऑडियो क्लिप का भी हवाला दिया, जिसके बाद यह मामला तेजी से तूल पकड़ने लगा।
वीडियो वायरल होते ही कांग्रेस ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने दिल्ली में प्रेसवार्ता कर वायरल वीडियो सार्वजनिक किया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार सच्चाई को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में CBI जांच कराने की मांग की। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि यदि दस दिनों के भीतर CBI जांच की सिफारिश नहीं की गई, तो प्रदेशभर में आंदोलन किया जाएगा।
वहीं भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे चुनावी राजनीति करार दिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस अपनी नाकामियों से ध्यान हटाने के लिए बार-बार VIP का मुद्दा उठा रही है। उन्होंने सवाल किया कि यदि कांग्रेस के पास जानकारी है तो वह स्वयं बताए कि VIP कौन है। भट्ट ने कहा कि अंकिता को न्याय दिलाने का काम भाजपा सरकार ने किया है और कांग्रेस अपुष्ट वीडियो और ऑडियो के सहारे सियासी लाभ उठाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उस समय डीजीपी ने सार्वजनिक रूप से अपील की थी कि यदि किसी के पास VIP से जुड़ी जानकारी है तो सामने आए, लेकिन तब भी कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया गया।
इस बीच भाजपा से निष्कासित पूर्व विधायक सुरेश राठौर ने वायरल ऑडियो को पूरी तरह फर्जी और आर्टिफिशियल बताते हुए इसकी फोरेंसिक जांच की मांग की है। उन्होंने ज्वालापुर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि वायरल सामग्री उनकी छवि खराब करने की साजिश है। राठौर ने कहा कि यदि जांच में उनके खिलाफ कोई तथ्य सामने आता है तो वह सजा भुगतने के लिए तैयार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग उनके नाम का दुरुपयोग कर राजनीतिक और सामाजिक भ्रम फैला रहे हैं।
मामले में एक और मोड़ तब आया जब यमकेश्वर की पूर्व जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सरकार से अंकिता हत्याकांड की CBI जांच की मांग करते हुए कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हो रही है। आरती गौड़ ने कहा कि जब तक CBI जांच नहीं कराई जाती, वह अपने फैसले पर कायम रहेंगी।
गौरतलब है कि 18 सितंबर 2022 को वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था। घटना के एक सप्ताह बाद शव बरामद हुआ था। एसआईटी जांच के बाद रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। लंबी सुनवाई के बाद तीनों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
हालांकि, घटना के दिन अंकिता द्वारा अपने मित्र को भेजे गए संदेशों में एक बड़े VIP के आने और उस पर अतिरिक्त सेवा देने के दबाव की बात सामने आई थी, लेकिन उस VIP की पहचान आज भी रहस्य बनी हुई है। यही कारण है कि वायरल वीडियो के साथ यह मामला एक बार फिर राजनीति, जांच और न्याय के सवालों के केंद्र में आ गया है।






