
देहरादून | उत्तरकाशी जिले के धराली और हर्षिल क्षेत्र में आई भीषण आपदा में लापता हुए लोगों को अब मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। गृह मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को औपचारिक मंजूरी दे दी है। शासन ने इसके लिए अभिहित अधिकारी और अपीलीय अधिकारी नामित कर दिए हैं। अब लापता व्यक्तियों के परिजनों को आपदा राहत मद से आर्थिक सहायता मिल सकेगी। 5 अगस्त को धराली क्षेत्र में आई आपदा ने तबाही मचा दी थी। खीर गंगा में आए भीषण मलबे ने गांव और रास्तों को पूरी तरह दफन कर दिया। इस आपदा में 67 लोग लापता हुए, जिनका 51 दिन बाद भी कोई पता नहीं चल पाया है।
सामान्य परिस्थितियों में जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1969 के अनुसार, किसी लापता व्यक्ति को मृत घोषित करने के लिए सात साल का इंतजार करना पड़ता है। लेकिन उत्तराखंड सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजकर विशेष छूट मांगी थी। अब महानिबंधक, गृह मंत्रालय ने इस छूट को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य आपदा प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द सहायता उपलब्ध कराना है।
अधिकारी तय : कौन जारी करेगा प्रमाण पत्र
- परिजनों को सबसे पहले अपने मूल निवास क्षेत्र में शिकायत दर्ज करनी होगी।
- शिकायत को घटना स्थल के परगना मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी (SDM) के पास भेजा जाएगा।
- इसके बाद 30 दिन का नोटिस जारी होगा।
- यदि इस अवधि में कोई आपत्ति दर्ज नहीं होती है, तो मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
- उप जिलाधिकारी को अभिहित अधिकारी और जिलाधिकारी को अपीलीय अधिकारी बनाया गया है।
मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही परिजन आपदा राहत मद के तहत आर्थिक सहायता के पात्र होंगे।
2021 की रैणी आपदा में भी मिली थी छूट
यह पहला मौका नहीं है जब केंद्र ने ऐसी मंजूरी दी है।
- 2021 में चमोली जिले के रैणी क्षेत्र में आई आपदा में सैकड़ों मजदूर लापता हुए थे।
- तब भी केंद्र सरकार ने सात साल की अवधि का इंतजार किए बिना मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में छूट दी थी।
- अब उसी तर्ज पर धराली आपदा पीड़ित परिवारों को राहत का रास्ता खोला गया है।
आपदा राहत की उम्मीद
धराली क्षेत्र में लापता लोगों के परिवार 51 दिनों से अपने परिजनों की खोज में भटक रहे थे। अब मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के बाद उन्हें कम से कम सरकारी मदद मिलने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, 67 लापता लोगों का अब तक कोई सुराग न मिलना प्रशासन और राहत एजेंसियों की सीमाओं को भी उजागर करता है।