
बहराइच (उत्तर प्रदेश): जिले के पयागपुर क्षेत्र के पटिहाट चौराहे पर संचालित एक अवैध मदरसे में बुधवार को उपजिलाधिकारी (SDM) अश्वनी पांडेय ने छापेमारी की। छापेमारी के दौरान सामने आई सच्चाई ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थानीय लोगों को भी स्तब्ध कर दिया।
🚨 छापेमारी का घटनाक्रम
सूचना मिली थी कि इलाके के इस मदरसे में गंभीर अनियमितताएँ हो रही हैं और पंजीकरण भी संदेहास्पद है। शिकायतों के आधार पर एसडीएम अपनी टीम के साथ मौके पर पहुँचे।
- जब प्रशासनिक टीम ने अंदर जाने की कोशिश की, तो मदरसा संचालकों ने रास्ता रोककर विरोध किया।
- टीम की सख्ती और दबाव के बाद संचालकों को पीछे हटना पड़ा।
- इसके बाद जब अधिकारी अंदर पहुँचे, तो चौंकाने वाला दृश्य सामने आया – नौ से चौदह वर्ष की उम्र की 40 बच्चियां बाथरूम और अन्य कमरों में छिपाई गई थीं।
👧 बच्चियों की स्थिति
मौके से बरामद बच्चियां केवल बहराइच की नहीं थीं, बल्कि श्रावस्ती और गोंडा जिलों से भी लाई गई थीं।
- महिला कांस्टेबल ने बच्चियों से पूछताछ कर उनके नाम-पते दर्ज किए।
- बच्चियों से यह भी जानकारी जुटाई जा रही है कि वे यहां कब और कैसे लाई गईं।
📑 दस्तावेज़ नहीं दिखा पाए संचालक
जांच के दौरान मदरसा संचालक खलील से जब पंजीकरण और मान्यता संबंधी कागजात मांगे गए, तो वे कोई भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके।
- इस पर एसडीएम ने पूरी रिपोर्ट अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को भेज दी है।
- पुलिस ने औपचारिक कार्रवाई पूरी करने के बाद सभी बच्चियों को संचालक की सुपुर्दगी में सौंप दिया, लेकिन आगे की जांच जारी है।
😲 स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
छापेमारी की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग भी बड़ी संख्या में मौके पर जुट गए।
- लोगों ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि इतनी बड़ी संख्या में बच्चियां इस इमारत में रह रही हैं।
- कुछ ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि इस प्रकार के अवैध संस्थानों पर कठोर कार्रवाई की जाए।
⚖️ प्रशासन का रुख
एसडीएम अश्वनी पांडेय ने स्पष्ट किया कि मामले की गहन जांच कराई जा रही है।
- प्रारंभिक जांच से यह साफ है कि मदरसा बिना मान्यता के संचालित हो रहा था।
- बच्चियों को बाथरूम में छिपाने का प्रयास गंभीर अपराध की ओर संकेत करता है।
- रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।