
दौसा| राजस्थान के दौसा जिले के मेहंदीपुर बालाजी में गुरुवार रात एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया। हत्या के आरोप में लंबे समय से जेल में बंद हिस्ट्रीशीटर सीताराम मीना को जैसे ही जमानत मिली, वह जेल से बाहर आते ही अपने साथियों के साथ सड़कों पर जुलूस निकालते हुए शक्ति प्रदर्शन करने लगा। परंतु कानून के मजाक का यह प्रदर्शन ज्यादा देर तक नहीं चल पाया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर सीताराम और उसके छह साथियों को गिरफ्तार कर लिया।
सनरूफ से निकला हिस्ट्रीशीटर, डीजे पर निकाला जुलूस
सूत्रों के अनुसार, जमानत पर छूटने के बाद सीताराम सीधे मेहंदीपुर बालाजी पहुंचा। वहां उसने एसयूवी कार के सनरूफ पर खड़े होकर अपने समर्थकों संग जुलूस निकाला। डीजे की तेज धुन पर शक्ति प्रदर्शन करते हुए उसने इलाके में दहशत का माहौल बनाने की कोशिश की। पुलिस ने बताया कि यह पूरा आयोजन कानून-व्यवस्था को चुनौती देने जैसा था।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की खबर मिलते ही थाना प्रभारी गौरव प्रधान के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने घेराबंदी कर कुछ ही मिनटों में सीताराम और उसके साथियों को दबोच लिया। इस कार्रवाई में पुलिस ने एक एसयूवी, डीजे पिकअप और सातों आरोपियों को अपने कब्जे में ले लिया।
गिरफ्तार आरोपी
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में हिस्ट्रीशीटर सीताराम मीना के साथ उसके छह साथी शामिल हैं। इनमें भीम मीना, महेश, आकाश, रिंकु, हरिओम उर्फ बिट्टू और नरेश के नाम सामने आए हैं। सभी को थाने लाकर पूछताछ की जा रही है।
पुराना हत्या का मामला
गौरतलब है कि सीताराम मीना पर 8 अगस्त 2023 को हिस्ट्रीशीटर निरंजन मीना की हत्या का गंभीर आरोप है। उस दिन सीताराम और उसके साथियों ने निरंजन को बुरी तरह पीटकर थाने के पास गंभीर हालत में छोड़ दिया था। तत्कालीन हेड कांस्टेबल देवेंद्र शर्मा ने घायल निरंजन को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसी मामले में सीताराम जेल में बंद था और अब हाल ही में उसे जमानत मिली थी।
कानून का सख्त संदेश
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि अपराधियों को जमानत पर बाहर आकर शक्ति प्रदर्शन करने और भय का माहौल बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इस पूरे घटनाक्रम से यह संदेश दिया गया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और ऐसी हरकतों पर तुरंत और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों में चर्चा
घटना के बाद मेहंदीपुर बालाजी और आसपास के इलाके में यह चर्चा का विषय बन गया है कि जेल से बाहर निकलते ही हिस्ट्रीशीटर ने इस तरह का शक्ति प्रदर्शन क्यों किया। लोगों का कहना है कि यदि पुलिस ने समय पर कार्रवाई न की होती तो स्थिति गंभीर रूप ले सकती थी।