
देहरादून में सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात बादल फटने से तबाही मच गई। कई जगह नदी में बहने और मलबे में दबने से 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। इस बीच रायपुर क्षेत्र के गांव फुलेट से छह लोगों के दबे होने की सूचना पर रेस्क्यू टीम पहुंचने में करीब सात घंटे की देरी हुई।
सात घंटे पैदल तय करना पड़ा रास्ता
मालदेवता के ऊपर बसे फुलेट गांव में दोपहर 12 बजे सूचना मिली कि एक मकान ढह गया है और उसमें छह लोग दबे हो सकते हैं। प्रशासन ने तुरंत पुलिस और SDRF को रवाना किया, लेकिन टूटी सड़कों और बाधित रास्तों ने राहत दल की रफ्तार रोक दी। भारी उपकरणों के साथ SDRF के जवानों ने 16 किलोमीटर लंबा दुर्गम सफर पैदल तय किया और शाम करीब सात बजे गांव पहुंचे।
अंधेरे ने रोका रेस्क्यू
टीम के पहुंचने तक गांव में बिजली न होने के कारण अंधेरा छा चुका था, जिसके चलते तत्काल रेस्क्यू शुरू नहीं हो सका। बुधवार सुबह SDRF ने फिर से ऑपरेशन शुरू किया।
दबे होने की आशंका पर संशय
स्थानीय लोगों ने आशंका जताई है कि मकान के मलबे में लोग दबे हो सकते हैं, लेकिन कुछ ग्रामीणों का कहना है कि घर पहले से खाली था। सच्चाई रेस्क्यू पूरा होने के बाद ही साफ हो पाएगी।
संचार भी हुआ ठप
गांव में केवल एयरटेल नेटवर्क काम कर रहा था, लेकिन दोपहर बाद बिजली ठप होने से वहां भी सिग्नल बंद हो गए। इससे राहत टीम और प्रशासन को भी संपर्क साधने में परेशानी हुई।