
मथुरा। जिले में साइबर अपराधियों ने लोगों को ठगने का नया तरीका अपनाया। उन्होंने जिलाधिकारी (डीएम) चंद्रप्रकाश सिंह का फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर उनके नाम से अधिकारियों और परिचितों को संदेश भेजे। इन संदेशों में रुपये की मांग की गई। अचानक जिलाधिकारी के नाम से इस तरह के मैसेज आने पर संबंधित लोग चौंक गए और उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी डीएम तक पहुंचाई।
इस तरह दिया गया घटना को अंजाम
सूत्रों के मुताबिक ठगों ने जिलाधिकारी का फोटो डाउनलोड कर उसे व्हाट्सएप अकाउंट की प्रोफाइल पिक्चर के रूप में लगाया। इसके बाद अलग मोबाइल नंबर से अकाउंट सक्रिय किया और उस पर डीएम के नाम से बातचीत शुरू की। ठगों ने जिले के कई अधिकारियों और अन्य परिचितों को व्यक्तिगत मैसेज भेजकर रुपये की मांग की।
समय रहते पकड़ में आया मामला
जिलाधिकारी को जब इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल अधिकारियों को सतर्क किया और मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। डीएम ने स्पष्ट किया कि उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है और यह साइबर अपराधियों की करतूत है।
पुलिस जांच में जुटी
मथुरा पुलिस ने ठगी के इस प्रयास को गंभीरता से लिया है। साइबर सेल को मामले की जांच सौंपी गई है। पुलिस फर्जी अकाउंट बनाने वाले साइबर अपराधियों का पता लगाने के लिए तकनीकी जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के मामलों में अपराधी आमतौर पर विदेशी नंबर या वीओआईपी (VoIP) कॉलिंग एप का उपयोग करते हैं, जिससे उन्हें पकड़ना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
गौरतलब है कि हाल के दिनों में कई जिलों में वरिष्ठ अधिकारियों, मंत्रियों और नेताओं के नाम से फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर रुपये मांगे जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। ज्यादातर मामलों में ठग खुद को अधिकारी बताकर तात्कालिक जरूरत का हवाला देकर पैसों की मांग करते हैं।
प्रशासन ने दी चेतावनी
जिलाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह ने लोगों से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति उनके नाम से रुपये की मांग करने वाले संदेशों पर विश्वास न करें। यदि किसी को इस तरह का मैसेज मिले तो तुरंत पुलिस या संबंधित प्रशासनिक अधिकारी को सूचना दें। मथुरा पुलिस ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन ठगी का शिकार न हो। संदिग्ध कॉल या मैसेज की स्थिति में तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या नजदीकी थाने में संपर्क करें।