जम्मू-कश्मीर : यहां कुछ दिन पहले प्रशासन ने भारी मात्रा में सड़ा और बासी मांस जब्त किया था। ये मांस त्योहारों के मौके पर होटलों और रेस्टोरेंट्स में सप्लाई किया जाना था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगस्त माह में जम्मू-कश्मीर की फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने 12,000 किलो से ज़्यादा एक्सपायर मछली और चिकन पकड़ा है। इन सभी को नष्ट कर दिया गया है।
एक मांस कारोबारी ने एक लोकल न्यूज चैनल को इसकी जानकारी दी। उसने बताया कि दिल्ली की गाज़ीपुर मंडी से खराब मांस जम्मू-कश्मीर के बाजारों में भेजा जा रहा है। गाज़ीपुर मंडी एशिया की सबसे बड़ी पशु मंडी मानी जाती है।
इस सूत्र ने बताया कि जो मांस रेस्तरां वाले लेने से मना कर देते हैं, उसे मांस माफिया खरीद लेते हैं। ये मांस FSSAI के नियमों के मुताबिक ठीक नहीं होता। माफिया इस सड़े मांस को केमिकल्स से धोता है। इसमें क्लोराइड, अमोनियम हाइड्रॉक्साइड और नाइट्रेट जैसे खतरनाक रसायन मिलाए जाते हैं। इससे मांस बाहर से ताजा और लाल दिखने लगता है।
इसके बाद उस मांस को आइस बॉक्स में पैक किया जाता है। फिर ट्रकों के जरिए जम्मू-कश्मीर के बाजारों में भेजा जाता है। वहां यह मांस खाने-पीने का सामान बेचने वाले व्यापारियों को दिया जाता है। ये लोग इसे होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों को बेचते हैं। फिर ग्राहक, चाहे वो स्थानीय हों या पर्यटक, बिना कुछ जाने वही मांस खा लेते हैं। उन्हें लगता है कि मांस ताजा और सेहतमंद है, लेकिन असल में वो सड़ा हुआ और केमिकल से रंगा होता है।
जब यह मामला सामने आया तो फूड डिपार्टमेंट हरकत में आया। रेस्टोरेंट, होटल, ढाबों और ठेलों पर छापेमारी शुरू हुई। जाँच में सामने आया कि सड़े मांस का यह धंधा बहुत बड़े स्तर पर चल रहा था।
इस बीच मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने फूड सेफ्टी अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। उन्होंने जरूरी निर्देश जारी किए। पुलिस उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है जो सड़ा हुआ मांस बेच या जमा कर रहे हैं।
सरकार ने मांस बेचने वालों, सप्लायरों और व्यापारियों को रजिस्ट्रेशन कराने का आदेश दिया है। अब बिना रजिस्ट्रेशन कोई मांस नहीं बेच सकेगा।







