
देहरादून | उत्तराखंड में आई आपदा ने चारधाम यात्रा की रफ्तार थाम दी है। उत्तरकाशी जिले में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा पूरी तरह बंद हो चुकी है। ऐसे में यात्रा अब केवल केदारनाथ और बदरीनाथ धाम पर टिक गई है, लेकिन यहां भी मार्गों पर भूस्खलन श्रद्धालुओं और प्रशासन दोनों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।
मानसून ने डाला गहरा असर
हर साल मानसून सीजन में यात्रियों की संख्या कुछ घटती है, लेकिन इस बार हालात अलग हैं। उत्तरकाशी जिले में आई आपदा ने यात्रा संचालन को बुरी तरह प्रभावित किया है। गंगोत्री और यमुनोत्री, जहां सामान्य दिनों में जयकारों की गूंज सुनाई देती है, वहां इन दिनों सन्नाटा पसरा हुआ है।
श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या
पर्यटन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 30 अप्रैल 2025 से यात्रा शुरू होने के बाद अब तक 42.54 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं।
- केदारनाथ धाम : 14.80 लाख
- बदरीनाथ धाम : 12.78 लाख
- गंगोत्री धाम : 6.69 लाख
- यमुनोत्री धाम : 5.86 लाख
- हेमकुंड साहिब : 2.49 लाख
फिलहाल केवल केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में ही प्रतिदिन तीन से पांच हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं।
मार्गों पर बाधा बनी आपदा
- बदरीनाथ मार्ग : कमेड़ा और लामबगड़ में लगातार भूस्खलन के चलते यातायात बार-बार बाधित हो रहा है।
- केदारनाथ मार्ग : सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच भूस्खलन यात्रा को सबसे अधिक प्रभावित कर रहा है।
मंत्री ने दी सावधानी की सलाह
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि आपदा के कारण यात्रा की रफ्तार थमी हुई है। मौसम के सुधरते ही श्रद्धालुओं की आवाजाही फिर से बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इस बार बारिश अधिक होने से जगह-जगह भूस्खलन की आशंका बनी रहती है, इसलिए यात्रियों को यात्रा पर निकलने से पहले मौसम की जानकारी लेना जरूरी है।




