
उत्तर प्रदेश | उत्तर प्रदेश के कौशांबी ज़िले से दिल दहला देने वाली एक वारदात सामने आई है, जहां एक महिला ने अपने ही संयुक्त परिवार के 10 सदस्यों को जहर देकर मारने की योजना बनाई थी। उसने इस घिनौनी साजिश के लिए रसोई को हथियार बनाया और आटे में जहरीला पदार्थ मिला दिया। लेकिन पति की सतर्कता और समय रहते पहचाने गए संकेतों ने एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया।
पूरे परिवार को एक साथ मारने की योजना
यह सनसनीखेज मामला कौशांबी के करारी थाना क्षेत्र अंतर्गत मलकिया गांव (बजहा खुर्रमपुर) का है। यहां रहने वाले बृजेश कुमार मौर्य ने अपनी पत्नी मालती देवी पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि रविवार की शाम वह रसोई में खाना बना रही थी। तभी आटे से अजीब सी दुर्गंध आई और उसका रंग भी कुछ काला सा दिखाई दिया। संदेह होने पर जब बृजेश ने पत्नी से पूछा तो सारा राज खुल गया।
मालती ने खुद कबूल किया कि वह परिवार से तंग आ चुकी है और सभी को जहरीला भोजन खिलाकर मारना चाहती थी। उसने यह भी बताया कि यह सलाह उसे उसके मायके वालों — पिता कल्लू प्रसाद और भाई बजरंगी (निवासी मनौरी बाजार, प्रयागराज) — ने दी थी।
पति की सतर्कता और पुलिस की कार्रवाई
बृजेश ने तत्काल 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने बिना देर किए मालती के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और उसके पिता व भाई को भी हिरासत में ले लिया। पुलिस ने बताया कि तीनों को सोमवार को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है। गूंथे हुए आटे का सैंपल फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
पुलिस के अनुसार:
“मामला बेहद गंभीर है। महिला और उसके परिजनों के खिलाफ धारा 328, 120बी और 307 के तहत केस दर्ज कर विधिक कार्यवाही की जा रही है।” — इंस्पेक्टर विनीत सिंह
मोबाइल कॉल्स से शुरू हुआ था विवाद
बृजेश का आरोप है कि उसकी पत्नी मालती अकसर मोबाइल पर घंटों किसी से बात करती थी। मना करने पर वह झगड़ा करती थी। वह सऊदी अरब में नौकरी करता है और हाल ही में ढाई महीने पहले ही घर लौटा था। उसने बताया कि मालती खेत पर भी सलवार-सूट पहनकर जाती थी, जिससे घरवालों को आपत्ति थी। इसे लेकर भी घर में कई बार झगड़ा हुआ।
बृजेश ने यह भी खुलासा किया कि उसे एक अज्ञात नंबर से धमकी भरे फोन भी मिल चुके हैं। यह सब परिस्थितियां ज़हर देने की साजिश के पीछे के मानसिक और पारिवारिक तनाव की ओर इशारा करती हैं।
भगवान का शुक्र है, 10 लोगों की जान बची
संयुक्त परिवार में बृजेश के दो बच्चे, पिता रामधीरज, भाई राजेश और सुनील, उनकी पत्नियां मंजू व अंजू और बच्चे उन्नति व वैशाली रहते हैं। बृजेश का कहना है कि यदि वह समय रहते जहर मिले आटे की पहचान न कर पाता, तो एक ही समय में पूरे परिवार की जान चली जाती। ग्रामीणों में इस घटना को लेकर गहरा सदमा है। सभी इस घटना को अकल्पनीय मान रहे हैं। यह मामला यह भी बताता है कि घरेलू कलह यदि समय रहते न सुलझे, तो वह कितनी खतरनाक साजिश में तब्दील हो सकती है।