
हरिद्वार। श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही हरिद्वार में कांवड़ मेला अपने पूरे शबाब पर पहुंच चुका है। गंगाजल लेने पहुंचे शिवभक्तों की भीड़ इतनी विशाल है कि हरिद्वार की सड़कों, गंगनहर पटरी मार्ग और नेशनल हाईवे तक भगवा रंग से सराबोर नजर आ रही है। आस्था का यह सैलाब हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयघोषों से गूंज रहा है।
प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार, 10 जुलाई से लेकर 15 जुलाई की शाम 6 बजे तक कुल 80 लाख 90 हजार कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंच चुके हैं और गंगाजल लेकर अपने गंतव्यों की ओर रवाना हो गए हैं। केवल सोमवार के दिन ही 25 लाख से अधिक श्रद्धालु हरिद्वार से रवाना हुए, जबकि सोमवार शाम से मंगलवार शाम तक 31 लाख श्रद्धालुओं ने हर की पैड़ी और अन्य घाटों से गंगाजल भरा।
धर्मनगरी हरिद्वार बना आस्था का केंद्र
कांवड़ मेले की आधिकारिक शुरुआत भले ही 11 जुलाई से मानी गई हो, लेकिन भक्तों का आगमन उससे पहले ही शुरू हो गया था। हरिद्वार से लेकर कनखल तक, गंगनहर के दोनों किनारों और हरिद्वार-रुड़की हाईवे तक कांवड़ियों का रेला निरंतर बढ़ता जा रहा है।
शहर की फिजा पूरी तरह भगवा हो चुकी है। जगह-जगह बोल बम के नारे गूंज रहे हैं। दरिद्र भंजन महादेव मंदिर (कनखल) सहित कई मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और भोग अर्पण किया जा रहा है।
प्रशासन की सतर्क निगरानी
श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रखी है। हर मुख्य मार्ग पर पुलिस बल तैनात है और नियंत्रण कक्षों के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। जगह-जगह चिकित्सा शिविर, विश्राम स्थल, पेयजल व भोजन की व्यवस्था की गई है।
विशेष दृश्य: आस्था की मिसाल
भीड़ के बीच कई भावनात्मक दृश्य भी देखने को मिल रहे हैं। एक तस्वीर में एक युवक अपनी 85 वर्षीय दादी बीरो को गंगाजल यात्रा में साथ ले जाता दिखा, जो कांवड़ यात्रा की श्रद्धा और समर्पण की गहराई को दर्शाता है।
आगे और बढ़ेगा मेला
प्रशासन का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और अधिक बढ़ेगी। खासकर सावन के सोमवारों और आगामी शिवरात्रि पर कांवड़ियों की आमद चरम पर रहने की संभावना है। हरिद्वार में कांवड़ मेला न केवल आस्था का महासंगम बन गया है, बल्कि यह प्रशासनिक सजगता और सामाजिक सहयोग का भी जीवंत उदाहरण बन रहा है। भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा, और मूलभूत सुविधाओं की कुशल व्यवस्था से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर भक्त की यात्रा श्रद्धा, सुख और शांति के साथ पूरी हो।