बदायूं। बदायूं के इस्लामनगर में मंगलवार दोपहर जिस वक्त एंटी करप्शन टीम ने महिला इंस्पेक्टर को रंगे हाथ पकड़ा था। उस दौरान महिला इंस्पेक्टर दुष्कर्म पीड़िता के पैरों में गिर गईं। कहने लगीं यह क्या किया। उसका सारा बुढ़ापा खराब हो गया।
पीड़िता ने कहा कि इंस्पेक्टर रोने लगी थी। उसे देखकर मेरे भी आंसू आ गए। एक बार को तरस आ गया था, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दुष्कर्म पीड़िता विधवा है। उसके पास कमाई का कोई जरिया नहीं है। कुछ खेती है, उसी में फसल करवाकर अपना और अपने बच्चों का पालन-पोषण कर रहीं हैं।
दुष्कर्म पीड़िता ने महिला इंस्पेक्टर को अपना खेत गिरवी रखकर रुपये दिए थे। अभी कुछ दिन पहले ही उसने 1.35 लाख रुपये में अपना खेत गिरवी रखा था। उसमें से एक लाख रुपये पहले ही दे चुकी थी। महिला इंस्पेक्टर 50 हजार रुपये और मांग रही थी। तब दुष्कर्म पीड़िता ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया।
रुदायन कस्बा निवासी रविंद्र शर्मा के खिलाफ दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए महिला ने 27 फरवरी 2024 को एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला का कहना है कि पहले तो पुलिस ने उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की थी। जब उसने अधिकारियों से कार्रवाई की गुहार लगाई। तब उसकी रिपोर्ट दर्ज हुई। इसकी विवेचना इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह कर रहे थे। वह इसमें चार्जशीट भी लगा चुके हैं, लेकिन दुष्कर्म पीड़िता पर दबाव बनाने के लिए आरोपी पक्ष ने आईटी एक्ट के तहत एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
आईटी एक्ट के मामले में विवेचना महिला इंस्पेक्टर सिमरनजीत कौर कर रहीं थीं। वह उसको ही दोषी बताती थीं और उसे जेल भेजने की धमकी देती थीं। इससे महिला काफी परेशान थी। जब वह महिला इंस्पेक्टर के कहने पर रुपये देने को तैयार हुईं, तो इंस्पेक्टर ने एफआर लगाने का आश्वासन दिया गया लेकिन महिला इंस्पेक्टर लालची थी, जिसका परिणाम उसको भुगतने को मिलेगा।
दुष्कर्म पीड़िता का कहना है कि उसके खिलाफ क्रॉस केस बनाने को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। वह इसी मामले में न्याय मांग रही थी लेकिन इंस्पेक्टर ने रुपये की मांग की। वह तो जेल चली गई, लेकिन अब उसके मामले में न्याय नहीं मिला तो वह थाने में आत्महत्या कर लेंगी।