देहरादून। चारधाम यात्रा को लेकर धार्मिक स्थलों का सुरक्षा ऑडिट कर धामों की कड़ी सुरक्षा की जाए। चारधाम और उनके परिसर की एंटी सबोटाज चेकिंग कराई जाए। इसके अलावा यात्रियों को बल्क एसएमएस के माध्यम से मौसम-मार्ग अवरुद्ध होने की जानकारी दी जाए। चारधाम के मार्गों पर घोड़े खच्चर चलाने वालों के सत्यापन करें।
साथ ही मार्गोंं पर अस्थायी थाने, चौकी, पर्यटन बूथ, बैरियर चिह्नित स्थानों पर स्थापित कर पुलिस बल तैनात किया जाए। यह निर्देश अपर पुलिस महानिदेशक एपी अंशुमान ने अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए।बृहस्पतिवार को पुलिस मुख्यालय में चारधाम यात्रा को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून एपी अंशुमान ने अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस कर यात्रा को सकुशल संपन्न कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग का निरीक्षण कर क्षतिग्रस्त मार्गों को समय से सही कराया जाए। जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों के साथ चारधाम यात्रा को लेकर समस्याओं का समाधान कराया जाए। केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में घोड़े, खच्चरों के रुकने के लिए स्थान चिह्नित किए जाएं। इसके अलावा होटल, ढाबों पर काम करने और घोड़े, खच्चर चलाने वालों के सत्यापन किए जाए।
दुकानों पर सामानों के निर्धारित मूल्यों की सूची को लगाई जाए। कहा कि चारधाम के दौरान मिलने वाली शिकायतों के समाधान के लिए सभी जनपद में आसान पहुंच वाले स्थान पर सेल का गठन किया जाए। इन जनपदों में नोडल अधिकारी को नियुक्त किया जाए।
ये भी निर्देश दिए
- गढ़वाल परिक्षेत्र के सभी जिलों में चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए।
- सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए चेकिंग अभियान चलाएं।
- यात्रियों के साथ किसी भी प्रकार से दुर्व्यवहार न हो।
- यात्रा मार्ग पर समय से ब्लैक स्पॉट चिह्नित कर बोर्ड लगाए जाएं।
- सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली फेक न्यूज की मॉनिटरिंग कर समय से खंडन किया जाए।
- चारधामों में पुलिस बल नियुक्त कर भीड़ प्रबंधन के उपाय पहले ही किए जाएं।
- मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों की स्थिति समय से चेक कराई जाए।
- पार्किंग स्थलों में अतिरिक्त स्थान न होने पर अस्थायी पार्किंग की व्यवस्था कराएं।
- हेली सेवा बुकिंग के नाम पर धोखाधड़ी से बचने के लिए अधिकृत वेबसाइट (https://heliyatra.irctc.co.in) के माध्यम से बुक करने के लिए प्रेरित किया जाए।
- यात्रा मार्गों में क्षतिग्रस्त मार्ग और भूस्खलन संभावित क्षेत्र में चेतावनी बोर्ड लगाएं जाएं।
- आपदा संभावित क्षेत्रों में पहले से ही आपदा प्रबंधन टीम और एसडीआरएफ जवानों को नियुक्त किया जाए।