गुजरात का सूरत शहर पूरे देशभर में अपने कपड़ा तथा हीरा उद्योग के लिए तो जाना ही जाता है साथ ही इस खूबसूरत शहर में पर्यटकों के लिए भी बहुत कुछ है। सिल्क सिटी और डायमंड सिटी के रूप में भी पहचाने जाना वाला सूरत शहर विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे वाला शहर भी है। तापी नदी सूरत शहर के मध्य से होकर गुजरती है। अक्सर शहरों में नदियों की सूरत काफी बिगड़ी होती है लेकिन सूरत शहर में ऐसा नहीं है जिसके लिए प्रशासन की सराहना की जानी चाहिए।
सूरत देश का एक ऐसा बड़ा शहर भी है जहां की कपड़ा मिलों, मोटर कारखानों, हीरा व्यापारियों के यहां देशभर से लोग काम करने आते हैं। इस लिहाज से यह अन्य राज्यों के लोगों को सर्वाधिक संख्या में रोजगार मुहैया कराने वाला शहर भी है। इसलिए सूरत शहर को मिनी इंडिया भी कहा जाता है। यहां देशभर से कामगार काम की तलाश में और व्यापारी व्यापार के लिहाज से आते हैं इसलिए सूरत शहर में बड़ी संख्या में हर बजट के होटल और रिजॉर्ट आदि भी हैं।
सूरत शहर सफाई के मामले में भी गुजरात के अन्य शहरों से काफी आगे है। यहां की ट्रैफिक व्यवस्था भी अन्य शहरों के मुकाबले अच्छी है क्योंकि खासतौर पर शहर के मुख्य इलाके में सड़कें काफी चौड़ी हैं। यदि आप सूरत आना चाहें तो कभी भी यहां आ सकते हैं। यह रेल, सड़क तथा वायु मार्ग से देश के अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है। यदि आप अपना कोई कारोबार करना चाह रहे हैं तो एक बार सूरत घूम जाइये आपके पास अनेकों विकल्प होंगे जिसका अध्ययन करने के बाद आप आगे बढ़ सकते हैं।
सूरत शहर के इतिहास की बात करें तो इतिहास में ऐसा उल्लेख मिलता है कि सन् 1516 में एक हिन्दू ब्राह्मण गोपी ने इस शहर को बसाया था। 12वीं से 15वीं शताब्दी तक सूरत मुस्लिम शासकों, पुर्तग़ालियों, मुग़लों और मराठों के आक्रमणों का शिकार हुआ। सन् 1800 में अंग्रेज़ों का इस शहर पर अधिकार हो गया।
सूरत शहर के उद्योग और व्यापार की बात करें तो यहाँ के सूती, रेशमी, जरीदार कपड़े के वस्त्र तथा सोने व चाँदी की वस्तुएं विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। यहाँ पर हर प्रकार के वस्त्र, साड़ी, ड्रेस मैटेरियल और रेडीमेड वस्त्रों का बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।