
रामनगर। नववर्ष के आगमन को देखते हुए जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व प्रशासन ने वन्यजीवों की सुरक्षा के मद्देनजर कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 31 दिसंबर और 1 जनवरी को बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ बिना किसी चेतावनी के कार्रवाई की जाएगी।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के पार्क वार्डन बिंदर पाल सिंह ने बताया कि कॉर्बेट और इसके आसपास का 500 मीटर का क्षेत्र राज्य सरकार की अधिसूचना के अनुसार साइलेंट जोन घोषित है। यह क्षेत्र वन्यजीवों, विशेषकर बाघों और अन्य संवेदनशील प्रजातियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में किसी भी प्रकार का ध्वनि प्रदूषण उनके प्राकृतिक व्यवहार और सुरक्षा पर गंभीर असर डाल सकता है।
उन्होंने जानकारी दी कि ध्वनि प्रदूषण (नियमन एवं नियंत्रण) नियम-2000, जो वर्ष 2010 में संशोधित किए गए थे, के तहत स्पष्ट सीमाएं तय की गई हैं। नियमों के अनुसार सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक अधिकतम 50 डेसिबल और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक केवल 40 डेसिबल तक ही ध्वनि की अनुमति है। इससे अधिक तेज आवाज, डीजे, लाउडस्पीकर या अन्य साउंड सिस्टम पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।
पार्क वार्डन ने चेतावनी दी कि यदि कोई होटल, रिसॉर्ट संचालक या पर्यटक इन मानकों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना, कार्यक्रम बंद कराना और अन्य विधिक कदम शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व केवल पर्यटन स्थल नहीं बल्कि देश के प्रमुख टाइगर कंजर्वेशन एरिया में से एक है। इसके आसपास का क्षेत्र एनिमल कॉरिडोर के रूप में कार्य करता है, जहां से वन्यजीवों की आवाजाही होती है। तेज संगीत और शोर से जानवरों के प्रजनन, भोजन और सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
प्रशासन ने पर्यटकों और स्थानीय होटल उद्योग से अपील की है कि वे नववर्ष का उत्सव जिम्मेदारी और संयम के साथ मनाएं। शांति बनाए रखते हुए प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण में सहयोग करें, ताकि कॉर्बेट की प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता सुरक्षित रह सके।




