
चमोली, उत्तराखंड: बदरीनाथ धाम में इन दिनों कड़ाके की ठंड ने पहाड़ी इलाके को जकड़ रखा है। मौसम के इस प्रकोप के चलते धाम में बहने वाली ऋषि गंगा पूरी तरह से जम गई है। स्थानीय जलप्रवाह और छोटे नाले भी जम चुके हैं, जिससे घाटी और आसपास के क्षेत्र में ठंड और बढ़ गई है। धाम का तापमान माइनस आठ से दस डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जिससे रात में जमकर पाला गिर रहा है। विशेष रूप से झरनों के रूप में बहने वाली ऋषि गंगा अब पहाड़ी पर जमकर बर्फ में बदल गई है और प्राकृतिक झरने की खूबसूरत आकृति ले रही है।
धाम में कपाट बंद होने के बाद से आवाजाही पूर्णत: बंद है। वर्तमान में केवल सुरक्षा बल, बीकेटीसी के कर्मचारी और मास्टर प्लान कार्य में लगे कुछ मजदूर ही धाम में मौजूद हैं। लगातार शुष्क मौसम और गिरते तापमान की वजह से क्षेत्र में कोरी ठंड पड़ रही है और नदी नालों में जमी बर्फ के दृश्य देखे जा सकते हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र ने आगामी रविवार के लिए पर्वतीय इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है, जबकि 3700 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम शुष्क रहेगा। मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि 19 दिसंबर तक उत्तराखंड में मौसम शुष्क बना रहेगा।
ऋषि गंगा के जमने और बर्फबारी की संभावना ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों दोनों के लिए चेतावनी जारी कर दी है। उच्च पर्वतीय इलाकों में यात्रा करने वालों को मौसम के अनुसार सावधानी बरतने और आवश्यक तैयारी करने की सलाह दी गई है। इसी तरह से प्रशासन और सुरक्षा बल क्षेत्र की निगरानी बढ़ाए हुए हैं ताकि किसी अप्रत्याशित परिस्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।




