
आगरा | आगरा पुलिस ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर की जा रही एक संगठित और हाईटेक ठगी का खुलासा करते हुए बताया कि इस पूरे गिरोह का मास्टरमाइंड मात्र सातवीं पास है, जिसने मल्टी लेवल मार्केटिंग के पुराने अनुभव को हथियार बनाकर करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दिया। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी अजय ने वर्ष 2002 में इबिज और स्पीक एशिया जैसी एमएलएम कंपनियों में काम कर चेन सिस्टम की बारीकियां सीखी थीं। इसी अनुभव के आधार पर उसने अपने साथियों के साथ मिलकर क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर नया जाल बिछाया।
पुलिस के अनुसार, आरोपी और उसके साथियों ने अमेरिका के एएसटी कॉइन के नाम से एक फर्जी क्रिप्टो वेबसाइट और ईमेल आईडी तैयार की। इसके लिए नोएडा की एक कंपनी से डोमेन लिया गया और लिक्विड वेब कंपनी से विदेशी सर्वर किराये पर लेकर उसे संचालित किया गया। वेबसाइट पर निवेशकों को फर्जी बैलेंस, कॉइन के बढ़ते दाम और ई-वालेट में बढ़ती रकम दिखाई जाती थी, जिससे लोगों का भरोसा मजबूत होता गया।
आरोपियों ने शुरुआत में 8,500 रुपये लेकर आईडी बनवाई और सात गुना मुनाफे का लालच दिया। इसके बाद रेफरल कोड के माध्यम से कम से कम 11 नए लोगों को जोड़ने पर अतिरिक्त लाभ का वादा किया गया। लालच में आकर लोग अपने रिश्तेदारों और परिचितों को भी इस फर्जी प्लेटफॉर्म से जोड़ते चले गए। कुछ ही महीनों में 1500 से अधिक लोग इस चेन से जुड़ गए और केवल आईडी बनवाने के नाम पर ही करीब 1.27 करोड़ रुपये जमा करा लिए गए। इसके बाद निवेश के नाम पर बड़ी ठगी की गई।
एडीसीपी सिटी आदित्य कुमार ने बताया कि लोगों का भरोसा बनाए रखने के लिए आरोपियों ने पांच सितारा होटलों में बैठकें आयोजित कीं, जहां निवेशकों को शपथ दिलाई जाती थी कि वे तीन साल तक अपनी रकम नहीं निकालेंगे और कम से कम एक हजार नए लोगों को जोड़ने में मदद करेंगे। जो निवेशक ज्यादा रकम जमा कर निकालने की कोशिश करता, उसके खाते में दिखने वाला लाभ सर्वर से कम कर दिया जाता या तकनीकी खराबी और बाजार गिरावट का बहाना बनाकर निकासी रोक दी जाती थी। ठगी की रकम को क्रिप्टो वॉलेट या किराये पर लिए गए बैंक खातों के जरिए इधर-उधर ट्रांसफर कर दिया जाता था।
पुलिस के अनुसार, अब तक 43 पीड़ितों ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है, जिनमें किसी ने 25 हजार तो किसी ने 50 लाख रुपये तक गंवाए हैं। कुल ठगी की राशि करीब 50 करोड़ रुपये आंकी जा रही है। पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी समेत कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है।







