
देहरादून। उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को एससीईआरटी सभागार में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में बड़े स्तर पर शिक्षा सुधारों की घोषणा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगले शिक्षा सत्र से राज्य के एक हजार मेधावी छात्र-छात्राओं को भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण पर भेजा जाएगा। यह पहल विद्यार्थियों को देश की संस्कृति, वैज्ञानिक प्रगति, संस्थागत कार्यप्रणाली और विविधता से प्रत्यक्ष रूप से अवगत कराने के उद्देश्य से की जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने कार्यक्रम में बताया कि शिक्षा विभाग इस वर्ष 161 विशेष शिक्षकों की भर्ती करने जा रहा है। इसके अतिरिक्त 325 लेखाकार और एक-एक सहायक भी नियुक्त किए जाएंगे, जिससे स्कूल प्रबंधन और शैक्षिक कार्यों में सुगमता आएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 266 स्कूलों में डिजिटल लैब, 1555 स्कूलों में आईसीटी एवं वर्चुअल लैब, और 2021 स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम स्थापित किए जाएंगे। यह प्रयास छात्रों को तकनीकी और आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि विभाग 1042 स्कूलों में रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है, जिससे छात्रों को कौशल आधारित शिक्षा मिल सकेगी। साथ ही शिक्षकों को उन्नत प्रशिक्षण देने के लिए 475 शिक्षकों को IIT दिल्ली भेजा जाएगा, जहां वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। इसके अलावा 200 शिक्षक IIM काशीपुर भेजे जाएंगे ताकि वे प्रबंधन और शिक्षा प्रशासन से संबंधित आधुनिक पद्धतियों को सीख सकें।
मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देते हुए सरकार प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक मनोविज्ञान काउंसलर नियुक्त करेगी। ये काउंसलर यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी छात्र पर पढ़ाई या अन्य कारणों से अनावश्यक तनाव न बढ़े। इसके साथ ही 100 छात्रों को मेडिकल, इंजीनियरिंग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग भी उपलब्ध कराई जाएगी।
शिक्षा विभाग की एक और बड़ी पहल के रूप में, IIT कानपुर के सहयोग से हर जिले में एक खगोल विज्ञान की प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। इससे विद्यार्थियों को अंतरिक्ष विज्ञान, ग्रह-नक्षत्र, खगोलीय घटनाओं और वैज्ञानिक अनुसंधान की आधुनिक जानकारियाँ प्राप्त होंगी।
इन सभी घोषणाओं से स्पष्ट है कि उत्तराखंड सरकार शिक्षा को तकनीकी, व्यावहारिक, शोधपरक और तनाव-मुक्त बनाने की दिशा में बड़े कदम उठा रही है। आने वाले शिक्षा सत्र में ये परिवर्तन न केवल छात्रों के शैक्षणिक विकास को गति देंगे, बल्कि शिक्षकों और पूरे शैक्षणिक ढाँचे को भी नई दिशा प्रदान करेंगे।




