
देहरादून। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पीसीएस प्री परीक्षा 2025 एक गलत प्रश्न की वजह से विवादों में घिर गई है। अभ्यर्थियों की शिकायतों के बाद अब नैनीताल हाईकोर्ट ने भी माना कि आयोग ने परीक्षा में त्रुटिपूर्ण प्रश्न शामिल किया था। कोर्ट ने साफ निर्देश दिया कि इस गलत सवाल को मूल्यांकन प्रक्रिया से हटाया जाए और उसके बाद संशोधित परिणाम जारी किए जाएं।
29 जून को आयोजित पीसीएस प्री परीक्षा में प्रश्न संख्या 70 पर विवाद उठा था। प्रश्न में ‘फूड सिक्योरिटी इंडेक्स’ लिखा गया था, जबकि दरअसल इसे ‘फूड सेफ्टी इंडेक्स’ होना चाहिए था। इसी एक शब्द की त्रुटि ने पूरे प्रश्न को गलत बना दिया। प्रश्न में पूछा गया था कि “उत्तराखंड को छठे फूड सिक्योरिटी इंडेक्स 2024 में कुल कितने अंक हासिल हुए?” जबकि विकल्प (ग) में दिया गया अंक वास्तव में ‘छठे फूड सेफ्टी इंडेक्स 2023–24’ से संबंधित था।
अभ्यर्थियों ने तर्क दिया कि जब प्रश्न ही गलत है, तो आयोग द्वारा विकल्प (ग) को सही घोषित करना भी गलत है। यह त्रुटि भ्रम पैदा करती है और मूल्यांकन को प्रभावित करती है। हाईकोर्ट ने इसी दलील से सहमत होते हुए कहा कि प्रश्न की त्रुटि मूल स्वरूप में ही मौजूद है, इसलिए इसे मूल्यांकन में शामिल नहीं किया जा सकता।
आयोग को निर्देश दिया गया है कि प्रश्न संख्या 70 को पूरी तरह हटाकर पुनर्मूल्यांकन किया जाए और फिर संशोधित परिणाम जारी किए जाएं। परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता को ध्यान में रखते हुए कोर्ट का यह फैसला अभ्यर्थियों के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है।
इस निर्णय के बाद अब आयोग को दोबारा परिणाम जारी करने की तैयारी करनी होगी, जबकि अभ्यर्थी उम्मीद कर रहे हैं कि संशोधित परिणाम जल्द जारी किए जाएंगे ताकि आगे की परीक्षा प्रक्रिया में विलंब न हो।




