
हल्द्वानी की 29 एकड़ रेलवे भूमि पर लगभग दो दशक से चले आ रहे अतिक्रमण हटाने के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में निर्धारित सुनवाई टल गई। अब अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी। इस बहुचर्चित मामले में करीब 4365 अतिक्रमणकारी शामिल बताए जाते हैं और हल्द्वानी का बनभूलपुरा क्षेत्र कई वर्षों से विवाद के केंद्र में है। सुनवाई टलने के बावजूद शहर में सतर्कता की स्थिति बनी हुई है और प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा इंतज़ाम कर रखे हैं।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले ही हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस ने चप्पे-चप्पे पर निगरानी बढ़ा दी थी। एसएसपी नैनीताल डॉ. मंजूनाथ टीसी लगातार फील्ड में रहकर सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण कर रहे हैं। उनके साथ एसपी हल्द्वानी मनोज कुमार कत्याल, क्षेत्राधिकारी दीपशिखा अग्रवाल, अमित कुमार सैनी और अन्य अधिकारी मौके पर तैनात रहे। अधिकारियों ने संदिग्ध गतिविधियों पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के निर्देश दिए हैं, जबकि अत्याधुनिक हथियारों के साथ आईटीबीपी, सीआरपीएफ और रेलवे पुलिस की टुकड़ियों को भी मौके पर रखा गया है।
बनभूलपुरा क्षेत्र और उससे जुड़े मार्गों को सुरक्षा कारणों से जीरो जोन घोषित कर दिया गया है। मंगलवार के लिए रूट डायवर्जन प्लान लागू किया गया, जिसके तहत कई मार्गों पर आम वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। भारी मालवाहक वाहनों को नैनीताल जनपद की सीमा पर ही रोकने के निर्देश दिए गए हैं। शहर में प्रवेश और निकासी के वैकल्पिक मार्ग तय किए गए ताकि अवांछित भीड़ न बढ़ सके और कानून व्यवस्था प्रभावित न हो।
बीएनएसएस की धारा 135 और 172 भी क्षेत्र में लागू कर दी गई हैं, जो पुलिस के वैध निर्देशों का पालन न करने और आपराधिक बल प्रयोग जैसी स्थितियों को रोकने के लिए प्रभावी मानी जाती हैं। एसएसपी ने आईटीबीपी और सीआरपीएफ अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक कर पूरे क्षेत्र में सतर्कता और रणनीति पर चर्चा की। अधिकारियों का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का पालन कराना प्राथमिकता है और सरकारी कार्य में बाधा डालने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सुनवाई टलने के बाद भी हल्द्वानी में हालात नियंत्रित बनाए रखने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि अगली सुनवाई तक सभी आवश्यक इंतज़ाम जारी रहेंगे ताकि क्षेत्र में शांति और कानून व्यवस्था बनी रहे।





