
ऊधम सिंह नगर | ऊधम सिंह नगर में गदरपुर नेशनल हाईवे पर देर रात हुआ भीषण हादसा एक खुशहाल शादी समारोह को कुछ ही पलों में मातम में बदल गया। रुद्रपुर के प्रीत पैलेस में चल रहे विवाह समारोह में जहाँ पूरा परिवार बेटे के सात फेरे पूरे होने की खुशी मना रहा था, वहीं दूसरी ओर तेज रफ्तार कार ने दूल्हे के छोटे भाई और चचेरे भाई की जिंदगी छीन ली। यह दुर्घटना इतनी दर्दनाक थी कि शादी की रौनक देखते ही देखते चीख–पुकार और शोक में बदल गई।
ग्राम खेमरी, थाना बिलासपुर, जिला रामपुर निवासी प्रकाश सिंह बिष्ट के बेटे प्रियांशुल बिष्ट का विवाह शनिवार रात रुद्रपुर निवासी साक्षी के साथ संपन्न हो रहा था। रविवार तड़के करीब तीन बजे जब मंडप में फेरे चल रहे थे, उसी समय प्रियांशुल का छोटा भाई अंशुल बिष्ट (27) कार से गदरपुर की ओर आया। उसके साथ चचेरा भाई आयुष बिष्ट (24), जो कोटद्वार के तोमर कॉलोनी मातपुर का निवासी था, तथा दो अन्य साथी रोहित सिंह और राजेंद्र पंड्या भी मौजूद थे।
करीब पौने चार बजे महतोष में भाखड़ा पुल के पास अचानक उनकी तेज रफ्तार कार धान से भरे एक वाहन से पीछे से इतनी जोरदार टकराई कि कार के अगले हिस्से के परखचे उड़ गए। टक्कर के बाद कार का ढांचा मुड़कर चकनाचूर हो गया और अंशुल तथा आयुष अंदर ही बुरी तरह फंस गए। पीछे बैठे दोनों साथी भी गंभीर रूप से घायल हो गए और चीखते हुए मदद की गुहार लगाने लगे।
सूचना पाकर प्रभारी निरीक्षक संजय पाठक और महतोष चौकी के एसआई मुकेश मिश्रा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। कार के भीतर फंसे युवकों को निकालना अत्यंत कठिन था, जिससे पुलिस को गैस कटर की मदद लेनी पड़ी। काफी प्रयासों के बाद सभी को बाहर निकाला गया और तुरंत सीएचसी भेजा गया। वहाँ चिकित्सकों ने आयुष बिष्ट को मृत घोषित कर दिया, जबकि अन्य घायलों को गंभीर हालात देखते हुए रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल पहुंचते ही दूल्हे का छोटा भाई अंशुल बिष्ट भी दम तोड़ चुका था, जिससे पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
इधर, रोहित सिंह और राजेंद्र पंड्या को तत्काल हल्द्वानी रेफर किया गया, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। हादसे की खबर मिलते ही विवाह स्थल पर मातम छा गया। कुछ ही घंटे पहले जिस परिवार ने हँसी–खुशी बारात निकाली थी, वहीं अब अपने दो जवान बेटों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजते हुए बुरी तरह टूट चुका था। दोपहर में पोस्टमार्टम के बाद ग्राम खेमरी स्थित श्मशानघाट पर दोनों भाइयों का अंतिम संस्कार किया गया। पूरा गाँव शोक में डूब गया और हर किसी की आँखें नम हो गईं।
यह हादसा इस बात का एक और दर्दनाक उदाहरण बन गया कि तेज रफ्तार का एक पल पूरे परिवार की खुशियों को छीन सकता है।





