
देहरादून। प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों छात्र-छात्राओं के लिए यह बड़ी राहत की खबर है कि अब उन्हें नया शिक्षा सत्र शुरू होने के लंबे समय बाद तक किताबों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। शिक्षा विभाग ने व्यवस्था में सुधार लाते हुए यह सुनिश्चित करने की तैयारी शुरू कर दी है कि सत्र 2026–27 शुरू होने से पहले ही सभी विद्यार्थियों को मुफ्त पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएं। विभाग ने पूर्व वर्षों की देरी को देखते हुए इस बार प्रक्रिया को समय से पहले शुरू कर दिया है।
अब तक कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को हर साल किताबें मिलने में बड़ी देरी होती रही है। सिस्टम की धीमी प्रक्रियाओं और समय पर छपाई व वितरण न होने के कारण कई स्कूलों में छात्रों को महीनों तक पुस्तकालय की पुरानी किताबों से ही काम चलाना पड़ता था। शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद विभाग ने इस बार पहले से तैयारी शुरू की है ताकि किसी भी छात्र को बिना किताब के स्कूल न जाना पड़े।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने इस संबंध में निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि शिक्षा सत्र 2025–26 में कक्षा 1 से 12 तक के सभी छात्रों को 15 मार्च 2026 तक मुफ्त किताबें उपलब्ध कराई जाएं। इसके लिए जरूरी है कि पाठ्य पुस्तकों की सॉफ्ट कॉपी अगले 10 दिनों के भीतर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध करा दी जाए, ताकि आगे की प्रक्रिया समय पर शुरू हो सके।
राज्य के करीब 16 हजार स्कूलों में पढ़ने वाले साढ़े आठ लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को हर साल मुफ्त किताबें दी जानी होती हैं। लेकिन राज्य गठन के बाद से शायद ही कोई ऐसा वर्ष रहा हो जब किताबें समय पर मिली हों। ऐसे में शिक्षा मंत्री के निर्देश और विभाग की समय से शुरुआत से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले सत्र में देरी की समस्या पूरी तरह खत्म हो सकेगी।
डॉ. सती का कहना है कि विभाग इस बार समयबद्ध योजना पर काम कर रहा है और लक्ष्य यह है कि प्रत्येक छात्र को नया सत्र शुरू होने से पहले पुस्तकें उपलब्ध हो जाएं, ताकि पढ़ाई सुचारू रूप से शुरू की जा सके और स्कूलों में पुस्तकालयों पर निर्भरता कम हो।





