
देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षा विभाग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य लोक सेवा आयोग (UKPSC) ने राजकीय इंटर कॉलेजों और राजकीय बालिका इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य व प्रधानाचार्या पदों पर होने वाली विभागीय भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। यह परीक्षा आगामी 8 फरवरी 2026 को प्रस्तावित थी।
शिक्षा सचिव की अनुशंसा के बाद आयोग ने यह निर्णय लिया। बताया गया है कि शासन की ओर से इस भर्ती के लिए भेजे गए अधियाचन (requisition) को वापस लेने का अनुरोध किया गया था, जिसके बाद आयोग ने परीक्षा रद्द करने की औपचारिक घोषणा कर दी।
शिक्षा सचिव ने भेजा था पत्र, आयोग ने की कार्यवाही
शिक्षा सचिव द्वारा 30 अक्तूबर 2025 को आयोग को पत्र भेजा गया था, जिसमें शासन की ओर से प्रधानाचार्य भर्ती संबंधी अधियाचन को वापस लेने का अनुरोध किया गया। इसके जवाब में राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव आलोक पांडेय ने पत्र जारी करते हुए परीक्षा रद्द करने की पुष्टि की।
अब यह भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह स्थगित कर दी गई है। आयोग ने इस संबंध में शिक्षा सचिव को आधिकारिक रूप से पत्र भेज दिया है।
1184 पद रिक्त, 50% पदों पर होनी थी विभागीय परीक्षा
राज्य के राजकीय इंटर कॉलेजों में कुल 1385 प्रधानाचार्य पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 1184 पद फिलहाल रिक्त चल रहे हैं। शिक्षकों की कमी के कारण विद्यालयों में व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही थीं।
सरकार ने इन पदों को भरने के लिए 50 प्रतिशत पदों पर सीमित विभागीय परीक्षा (Limited Departmental Examination) कराने का निर्णय लिया था, जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू की जा चुकी थी। लेकिन अब इस निर्णय के वापस लिए जाने से शिक्षकों में निराशा और असंतोष है।
शिक्षक संगठनों में असंतोष, आंदोलन की चेतावनी
इस फैसले के बाद राजकीय शिक्षक संघ ने अपनी नाराजगी जताई है। संगठन के अध्यक्ष राम सिंह चौहान और महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजते हुए कहा कि शासन द्वारा लंबित मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।
उन्होंने बताया कि शनिवार को प्रस्तावित शिक्षा मंत्री आवास कूच को फिलहाल स्थगित किया गया है, लेकिन यदि 34 सूत्रीय मांगपत्र पर शीघ्र कार्यवाही नहीं हुई तो संगठन पुनः आंदोलन का रास्ता अपनाएगा।
शासन की दलील और आगे की संभावना
सूत्रों के अनुसार, शासन का मानना है कि भर्ती प्रक्रिया से पहले नई सेवा नियमावली और पदोन्नति मानकों को स्पष्ट किया जाना आवश्यक है। इसके बाद ही आयोग को पुनः अधियाचन भेजा जाएगा।
हालांकि, फिलहाल परीक्षा रद्द होने से हजारों शिक्षकों में असमंजस की स्थिति है। विभागीय परीक्षा के माध्यम से प्रमोशन की प्रतीक्षा कर रहे शिक्षकों को अब नई अधिसूचना का इंतजार करना होगा।





