छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश) जिले में संदिग्ध कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। राज्य विशेष जांच टीम (SIT) ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी फार्मा कंपनी “श्रीसन फार्मास्यूटिकल” के मालिक रंगनाथन गोविंदन को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया गया है।
छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे के मुताबिक, गिरफ्तारी 8 अक्टूबर की रात को हुई और अब आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर मध्यप्रदेश लाया जा रहा है। रंगनाथन पर पहले से ही ₹20,000 का इनाम घोषित था।
कफ सिरप से बच्चों की मौतों की शुरुआत छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों से हुई थी, जहां पिछले दो हफ्तों में एक के बाद एक कई बच्चों की जान चली गई।
पीड़ित बच्चों को उल्टी, बुखार, पेशाब में तकलीफ जैसे लक्षण हुए। मेडिकल जांच में सामने आया कि बच्चों की किडनी पूरी तरह फेल हो गई थी। सभी मृत बच्चों की उम्र 2 से 5 साल के बीच थी।
जांच में सामने आया कि बच्चों के शरीर में डायथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) की मात्रा पाई गई, जो बेहद ज़हरीला रसायन है। यही रसायन 2022 में गाम्बिया और 2023 में उज़्बेकिस्तान में भी भारतीय दवाओं से जुड़ी मौतों का कारण बना था।
श्रीसन फार्मा, जो तमिलनाडु में स्थित है, पर आरोप है कि उसने ग्लिसरॉल के स्थान पर डायथिलीन ग्लाइकॉल का उपयोग किया और बिना परीक्षण किए सिरप के कई बैच मध्यप्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में भेज दिए थे।
मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार ने मिलकर संयुक्त जांच टीम का गठन किया था। अब तक की गई कार्रवाई में
श्रीसन फार्मा के मालिक की गिरफ्तारी हो चुकी है
दो मेडिसिन कंट्रोलर और एक उपनिदेशक को निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही स्टेट ड्रग कंट्रोलर का तबादला कर दिया गया है छिंदवाड़ा के डॉक्टर प्रवीण सोनी को लापरवाही और गलत दवा लिखने के आरोप में जेल भेजा गया है।
जांच अधिकारी का कहना है कि यह केवल लापरवाही नहीं, बल्कि एक गंभीर आपराधिक मामला है। यदि सिद्ध हुआ कि कंपनी ने जानबूझकर जहरीला केमिकल उपयोग किया है, तो आरोपियों पर गैर-इरादतन हत्या (IPC 304) का केस दर्ज होगा।