
यूकेएसएसएससी की सहकारी निरीक्षक भर्ती परीक्षा से पहले मोदीनगर के सुरेंद्र को गिरफ्तार किया गया है। सुरेंद्र ने परीक्षा में शामिल होने के लिए फर्जी दस्तावेज़ और जानकारियों का सहारा लिया और तीन अलग-अलग जिलों – देहरादून, टिहरी और हरिद्वार – से आवेदन किए। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने अपनी उम्र कम दिखाने के लिए हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा दो बार दी। उसी आधार पर उसने स्नातक की परीक्षा भी पास की।
इसके अलावा उसने 2012 में बीए करने के बाद 2018 में हिमाचल प्रदेश के सोलन से बीए का दूसरा प्रमाणपत्र प्राप्त किया। सुरेंद्र ने देहरादून के बालावाला पते पर एक फर्जी स्थायी प्रमाणपत्र बनवाया और आवेदनों में पिता का नाम तीन अलग-अलग तरीके से लिखा। इसके अलावा, उसने सेवायोजन विभाग की फर्जी इंप्लाई आईडी बनाकर आवेदन किया। आयोग के अधिकारियों ने एक संदिग्ध आवेदन को जांच के लिए एसओजी को भेजा।
जांच में पता चला कि सुरेंद्र ने तीन मोबाइल नंबर और अलग-अलग जानकारियों के आधार पर तीन आवेदन किए थे। आरोपी के खिलाफ रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि यह जांच अभी जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि आरोपी ने सभी दस्तावेज़ कैसे फर्जी बनवाए। पांच अक्तूबर को प्रस्तावित परीक्षा से पहले गिरफ्तार आरोपी की गिरफ्तारी से यह मामला उजागर हुआ है कि कुछ अभ्यर्थी परीक्षा में सफलता पाने के लिए विभिन्न प्रकार के फर्जीवाड़े करते हैं।