
प्रयागराज जिले के मेजा इलाके में मामूली बच्चों के विवाद ने मंगलवार की रात बड़ा रूप ले लिया, जब एक पक्ष की ओर से दुर्गा पूजा पंडाल पर मिट्टी के ढेले फेंक दिए गए। पंडाल पर हुए इस हमले के बाद मौके पर अफरातफरी मच गई और देखते ही देखते माहौल गरमा गया। चूंकि दोनों पक्ष अलग-अलग समुदायों से जुड़े थे, इस वजह से गांव में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बन गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और त्वरित कार्रवाई करते हुए आठ नाबालिग आरोपियों को हिरासत में ले लिया। इसके बाद हालात धीरे-धीरे शांत हुए।
मेजा क्षेत्र के कोटहा गांव में सुनील कुमार ने अपने घर के पास मां दुर्गा का भव्य पंडाल सजाया था। सोमवार रात पूजा-अर्चना के दौरान अचानक पंडाल पर मिट्टी के ढेले गिरने लगे। इससे वहां मौजूद श्रद्धालु दहशत में आ गए और कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया। भाजपा मंडल मेजा अध्यक्ष शैलेश पांडेय ने तुरंत इस घटना की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी। सूचना मिलते ही एसीपी मेजा संत प्रसाद उपाध्याय पुलिस टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और जांच शुरू की।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि यह घटना दो बच्चों के बीच हुए झगड़े का नतीजा थी। बताया गया कि विवाद के दौरान एक बच्चा मां दुर्गा के पंडाल में जाकर छिप गया, जिसके बाद दूसरे बच्चे ने गुस्से में पंडाल की ओर मिट्टी के ढेले फेंकने शुरू कर दिए। इस हरकत से पंडाल के पास मौजूद लोगों में आक्रोश फैल गया और मामला तेजी से सामुदायिक तनाव का रूप ले बैठा।
घटना के बाद गांव में हालात बिगड़ने लगे तो पुलिस ने फौरन कार्रवाई करते हुए आठ नाबालिगों को थाने लाकर पूछताछ की। वहीं, हिंदू संगठनों ने इस मामले में आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी यमुनापार विवेक चंद्र यादव भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि गांव में शांति बनाए रखने के लिए एहतियातन अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
फिलहाल पुलिस गांव में लगातार निगरानी रख रही है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है। हालांकि पुलिस का कहना है कि यह घटना बच्चों के आपसी विवाद से उपजी थी, लेकिन सामुदायिक तनाव की आशंका को देखते हुए पूरी सतर्कता बरती जा रही है।