
देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले ने प्रदेश की राजनीति को हिला दिया है। राजधानी देहरादून के गांधी पार्क में बेरोजगार युवाओं का धरना लगातार जारी है, जिन्हें अब प्रदेश कांग्रेस कमेटी का खुला समर्थन भी मिल गया है। शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर पहुंचे और युवाओं की लड़ाई को पूरी ताकत से समर्थन देने का भरोसा दिलाया।
कांग्रेस का रुख
करन माहरा ने साफ कहा कि जब तक सीबीआई जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में नहीं होती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने बेरोजगार युवाओं के गुस्से को जायज़ ठहराते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने राज्य के युवाओं को रोजगार के नाम पर धोखा दिया है। पिछले साढ़े आठ साल से सरकारी विभागों में भर्तियां बंद हैं और जब कोई परीक्षा होती है तो पेपर लीक होकर युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया जाता है।
कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर युवाओं को आश्वस्त किया कि पार्टी का हर कार्यकर्ता उनके साथ मजबूती से खड़ा है। उनका आरोप था कि भाजपा सरकार नकल और भर्ती घोटालों में शामिल लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है और इसी कारण सीबीआई जांच से बच रही है।
निलंबन और कार्रवाई
धरने के बीच जांच एजेंसियों ने भी तेजी दिखाई है। शासन ने टिहरी जिले के राजकीय महाविद्यालय अगरोड़ा में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को निलंबित कर उच्च शिक्षा निदेशालय हल्द्वानी से संबद्ध कर दिया है। जांच में पाया गया कि वर्ष 2018 से ही सुमन मुख्य आरोपी खालिद के संपर्क में थी और प्रश्नपत्र सॉल्वर की भूमिका निभा रही थी। आरोप है कि उसने पेपर के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर भेजकर गोपनीयता भंग की थी।
इसी तरह हरिद्वार जिले में आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज (पथरी, जट बहादरपुर) में ड्यूटी पर तैनात दरोगा रोहित कुमार और सिपाही ब्रह्मदत्त जोशी को भी निलंबित किया गया है। आरोप है कि इसी केंद्र से खालिद ने पेपर के तीन पन्नों की तस्वीर खींचकर बाहर भेजी थी।
पुलिस और SIT की जांच
हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि पूरे मामले की जांच सीओ रुड़की नरेंद्र पंत को सौंपी गई है और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी गई है। पुलिस अब तक मुख्य आरोपी खालिद और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। SIT पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।
राजनीतिक सरगर्मी और युवाओं की मांग
धरना स्थल पर माहौल जोशीला रहा। बेरोजगार युवा अपनी एक ही मांग पर अड़े हैं – सीबीआई जांच हाईकोर्ट की निगरानी में। उनका कहना है कि जब तक इस मांग को पूरा नहीं किया जाता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।