
झांसी। झांसी के टोड़ी फतेहपुर क्षेत्र में मिली महिला की सिर कटी लाश ने पूरे बुंदेलखंड को दहला दिया है। इस सनसनीखेज हत्याकांड में अब पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पूछताछ में सामने आया है कि महिला की हत्या उसके प्रेमी और महेबा गांव के पूर्व ग्राम प्रधान संजय पटेल ने अपने भतीजे और दोस्त की मदद से की थी। हत्या के बाद शव को टुकड़ों में काटकर फेंकने के लिए एक लाख रुपये का सौदा किया गया था।
कैसे रची गई साजिश?
पुलिस पूछताछ में आरोपी प्रदीप उर्फ दीपक अहिरवार ने बताया कि 9 अगस्त को पूर्व ग्राम प्रधान संजय पटेल ने अपने भतीजे संदीप पटेल के साथ मिलकर महिला रचना यादव की हत्या की। रचना लंबे समय से संजय पर शादी का दबाव बना रही थी। यही नहीं, उसके गर्भवती होने की आशंका ने भी संजय को बेचैन कर दिया था। अपनी राजनीतिक और पारिवारिक छवि खराब होने के डर से उसने रचना को रास्ते से हटाने की साजिश रची।
संजय ने प्रदीप को शव के टुकड़े करने का काम सौंपा और इसके लिए 15 हजार रुपये अग्रिम दिए। बाकी एक लाख रुपये देने की बात कही गई थी।
वारदात का खौफनाक दिन
9 अगस्त को रामराजा अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद रचना को संजय, संदीप और प्रदीप कार में लेकर निकले। कार में पहले से कुल्हाड़ी और बोरी छिपाकर रखी गई थी। मौका पाकर संजय ने आगे की सीट पर बैठी रचना का गला घोंट दिया। इसके बाद शव को किशोरपुरा गांव ले जाया गया, जहां प्रदीप ने शव के टुकड़े किए और कुएं में फेंक दिया।
13 अगस्त को पुलिस ने विनोद पटेल के खेत से दो बोरियों में महिला के शरीर के टुकड़े बरामद किए थे। सिर और पांव लखेरी नदी में फेंके गए थे।
पुलिस की सात दिन की कड़ी मेहनत
एसएसपी बीबी जीटीएस मूर्ति के नेतृत्व में पुलिस ने 10 टीमें गठित कीं। लगातार तलाश के बाद आखिरकार 13 अगस्त को शव बरामद हुआ। संजय और संदीप को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था। फरार प्रदीप को पुलिस ने बृहस्पतिवार रात मुठभेड़ में गिरफ्तार किया।
पुलिस ने प्रदीप पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। गिरफ्तारी के बाद उसने वारदात से जुड़े कई सनसनीखेज राज खोले।
रचना की जिंदगी के उतार-चढ़ाव
जांच में पता चला कि टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश) के मैलवारा गांव निवासी रचना यादव की जिंदगी पहले से ही उथल-पुथल से भरी रही थी।
- उसकी पहली शादी टीकमगढ़ में हुई थी, लेकिन पांच साल बाद विवाद के कारण वह पति से अलग हो गई।
- मायके में रहने के दौरान उसके संबंध महेबा गांव निवासी शिवराज यादव से बने। वह उसके साथ महेबा आकर रहने लगी।
- कुछ समय बाद विवाद बढ़ा और रचना ने 2023 में शिवराज के बड़े भाई पर दुष्कर्म और हत्या की कोशिश का केस दर्ज कराया।
- इसी दौरान गरौठा कोर्ट में उसकी मुलाकात तत्कालीन ग्राम प्रधान संजय पटेल से हुई और दोनों के बीच नजदीकी संबंध बन गए।
- जून 2025 में शिवराज की मौत हो गई, जिसके बाद रचना ने संजय पर शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया।
संजय पहले से शादीशुदा है और उसके परिवार में पत्नी व दो बेटे हैं। यही वजह थी कि वह रचना से छुटकारा पाना चाहता था।
हत्या का खुलासा कैसे हुआ?
रचना के लापता होने के बाद उसका भाई दीपक बहन को तलाशने झांसी पहुंचा। फोन बार-बार स्विच ऑफ मिलने पर उसने संजय से बात की। पहले तो संजय ने बहाने बनाए, लेकिन गुस्से में उसने यह तक कह दिया कि उसने रचना को मार डाला है।
इसी सुराग से पुलिस ने संजय को दबोचा। पूछताछ में उसने हत्या की बात कबूल की और पूरा राज खुल गया।
एसएसपी का बयान
एसएसपी मूर्ति ने बताया, “महिला की हत्या प्रेम प्रसंग के चलते की गई। पूर्व ग्राम प्रधान संजय पटेल ने अपने भतीजे और दोस्त प्रदीप की मदद से यह जघन्य अपराध किया। आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। मामले की चार्जशीट जल्द दायर की जाएगी।”
गांव में सनसनी और दहशत
घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी है। गांव के लोग अभी भी सदमे में हैं कि पंचायत स्तर का नेता इस तरह की घिनौनी साजिश रच सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि राजनीति और दबदबे के चक्कर में इंसानियत का गला घोंट दिया गया।







