
ऋषिकेश | मृतक जितेंद्र नेगी के पिता सतीश नेगी ने बताया कि उनका बेटा करीब 15-16 साल से प्रॉपर्टी कारोबार से जुड़ा हुआ था और पिछले पांच-छह महीनों से भाजयुमो नेता हिमांशु चमोली के संपर्क में आया था। वह उसे भाई जैसा मानता था, लेकिन उसी ने आर्थिक और मानसिक शोषण कर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर कर दिया।
पिता के अनुसार, हिमांशु ने जितेंद्र से महंगे मोबाइल फोन, लाखों रुपये और यहां तक कि मर्सिडीज कार तक खरीदवाई। इसके अलावा आरोपी के कार्यालय में भी करीब आठ लाख रुपये का काम कराया गया। जब जितेंद्र ने हिसाब-किताब मांगा तो उसे टाल दिया गया और प्लॉट के सौदे के नाम पर भी लाखों रुपये ऐंठे गए।
वीडियो से मचा बवाल, सोशल मीडिया पर बहस
आत्महत्या से पहले जितेंद्र ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपनी मजबूरी और आरोपों को सार्वजनिक किया। वीडियो के वायरल होते ही पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। वीडियो में उसने सीधे तौर पर कुछ लोगों पर प्रॉपर्टी के सौदों को लेकर उसे प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो को आधार बनाकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। वहीं भाजपा नेता के खिलाफ गुस्सा और बढ़ गया है। कई जगहों पर प्रदर्शन भी हुए, जिनमें मृतक को न्याय दिलाने की मांग उठी।
पिता बोले: “बेटे को टॉर्चर करते थे”
सतीश नेगी ने बताया कि उनका बेटा बीए पास और आईटीआई किया हुआ था। उसे आरोपी लगातार टॉर्चर करते थे। गाजियाबाद के लक्ष्मीनगर निवासी एक युवक का भी नाम सामने आया है, जिस पर मृतक के पिता ने प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने उनके बेटे से कई बार रुपये लिए लेकिन जब भी एग्रीमेंट या कागजात की बात आती, तो टालमटोल किया जाता।
पुलिस की कार्रवाई
पौड़ी पुलिस ने मामले में तेजी दिखाते हुए भाजयुमो प्रदेश मंत्री हिमांशु चमोली समेत पांच आरोपियों को देहरादून से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस का कहना है कि जांच में सभी पहलुओं को देखा जा रहा है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और मृतक के पिता की शिकायत पर नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
अंतिम संस्कार श्रीनगर में
पोस्टमार्टम के बाद मृतक का अंतिम संस्कार श्रीनगर में किया जाएगा। मृतक के पिता ने कहा कि उनका बेटा पांच वर्ष से जौलीग्रांट के कोठारी मोहल्ले में परिवार सहित रह रहा था, लेकिन घटना के कुछ दिन पहले ही पैतृक गांव पौड़ी गया था। घटना वाले दिन उसके साथ दो अन्य युवक भी मौजूद थे। परिवार का कहना है कि जितेंद्र के पास गन कहां से आई, उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।
राजनीतिक तूल लेने लगा मामला
घटना ने राजनीतिक रंग भी लेना शुरू कर दिया है। स्थानीय स्तर पर भाजपा नेता के खिलाफ भारी नाराजगी देखी जा रही है। विपक्षी दलों ने भी भाजपा पर गंभीर सवाल उठाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। वहीं भाजपा नेता पर लगे आरोपों को लेकर पार्टी फिलहाल चुप्पी साधे हुए है।
जितेंद्र नेगी की आत्महत्या ने न केवल एक परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि राजनीति और प्रॉपर्टी कारोबार के काले पहलुओं को भी उजागर कर दिया है। सोशल मीडिया पर चल रही बहस और बढ़ते प्रदर्शनों से यह साफ है कि यह मामला आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है।