
उत्तरकाशी | उत्तरकाशी में आपदा के बाद से चल रहे राहत और बचाव कार्य को आखिरकार राहत मिली है। लगातार खराब मौसम के कारण पिछले दो दिनों से हवाई सेवाएं ठप थीं, लेकिन मंगलवार सुबह मौसम साफ होते ही हेली सेवा शुरू कर दी गई। भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर की मदद से प्रभावित हर्षिल क्षेत्र में बड़ी मात्रा में रसद सामग्री पहुंचाई जा रही है। साथ ही फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रेस्क्यू भी किया जा रहा है।
राहत कार्यों में आई तेजी
मौसम साफ होने के बाद जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत कार्यों में तेजी ला दी है। हर्षिल और आसपास के गांवों में ज़रूरतमंदों तक भोजन, दवाइयाँ और आवश्यक सामग्री पहुँचाने के लिए लगातार उड़ानें भरी जा रही हैं। हेलीकॉप्टर से प्रभावित इलाकों में प्राथमिक चिकित्सा टीम भी भेजी गई है, ताकि तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जा सके। एक स्थानीय अधिकारी ने बताया, “दो दिन से मौसम खराब होने के कारण हवाई सेवा बाधित थी, जिससे रसद पहुँचाना मुश्किल हो रहा था। अब हेली सेवा शुरू हो गई है और सबसे पहले दूरस्थ व कटे हुए गांवों तक सामग्री पहुँचाई जा रही है।”
ककोडा गाड का जलस्तर बढ़ा
बीते रविवार को हर्षिल के बीच बहने वाली ककोडा गाड नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया था। इसके चलते लोगों में दहशत फैल गई थी। इस दौरान नदी के मुहाने पर एक ग्लेशियर भी दिखाई दिया। वन विभाग ने तुरंत जिला प्रशासन को इस बारे में सूचित किया। इसके बाद सोमवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीआरएफ और वन विभाग की टीम मौके पर भेजी गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह ग्लेशियर नया नहीं है बल्कि पहले से मौजूद है, जिससे प्रशासन ने थोड़ी राहत की सांस ली है। बावजूद इसके, टीम ने इलाके का निरीक्षण किया है और स्थिति पर नज़र बनाए हुए है।
लगातार निगरानी जारी
प्रशासन की ओर से सभी नदी-नालों की सतत निगरानी की जा रही है। आपदा के चलते पहाड़ी इलाकों में छोटे-छोटे जलस्रोत भी खतरे का कारण बन सकते हैं। जिला प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और सतर्क रहते हुए प्रशासन से सहयोग करें।
मुख्यमंत्री की नजर
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार राहत कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रभावित गांवों तक जल्द से जल्द राहत सामग्री पहुँचाई जाए और किसी भी गांव में भोजन या दवा की कमी न हो।