
ऋषिकेश–नीलकंठ मार्ग पर बुधवार सुबह बड़ा हादसा हो गया, जब गरुड़ चट्टी पुल से आगे पहाड़ी से अचानक भारी चट्टानें और मलबा गिर गया। इस हादसे में लगभग 30 मीटर सड़क पूरी तरह बाधित हो गई है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, एक ट्रक इस मलबे में दब गया या संभवतः गहरी खाई से होते हुए नदी में गिर गया हो सकता है। ट्रक का पता लगाने के लिए बचाव दल लगातार खोजबीन में जुटे हैं।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, हादसा इतना अचानक हुआ कि सड़क से गुजर रहे वाहन चालक और यात्री कुछ समझ पाते, उससे पहले ही मलबा तेजी से नीचे आ गिरा। इस घटना में दो लोगों के लापता होने की पुष्टि हुई है, जबकि दो लोग घायल हो गए, जिन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों की स्थिति पर चिकित्सक लगातार नजर रखे हुए हैं।
घटनास्थल पर एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें पहुंच चुकी हैं। बचाव कार्य के लिए जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। एसडीआरएफ इंस्पेक्टर कविन्द्र सजवान ने बताया कि लापता लोगों की खोज के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है और नदी के किनारों पर भी तलाश की जा रही है।
चट्टान गिरने के कारण सड़क पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया है, जिससे नीलकंठ धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन ने लोगों से फिलहाल इस मार्ग से यात्रा न करने और वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करने की अपील की है।
मौके पर मौजूद लोग हादसे के बाद से भयभीत हैं, क्योंकि इस मार्ग पर मानसून के दौरान पहले भी कई बार चट्टानें गिरने की घटनाएं हो चुकी हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि समय रहते पहाड़ी के कटाव और ढलान की सुरक्षा पर ध्यान न देने से ऐसी घटनाओं का खतरा लगातार बना रहता है।
यह हादसा एक बार फिर पहाड़ी मार्गों पर बरसात के मौसम में यात्रा के खतरों को उजागर करता है, जहां प्राकृतिक आपदाएं पलभर में जन-धन की हानि का कारण बन सकती हैं।