
देहरादून: संयुक्त नागरिक संगठन द्वारा नेमीरोड पर संगठन कार्यालय में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि उत्तरकाशी धराली गांव की भीषण त्रासदी 12 साल पहले केदारनाथ में हुई आपदा की पुनरावृत्ति के समान है। ग्लोबल वार्मिंग से हिमालय क्षेत्र में तापमान बढ़ने के फलस्वरुप ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं जो तलछट को अस्थिर करते हैं ।
इस घटना से क्षुब्ध सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों का निष्कर्ष था की जलवायु परिवर्तन अनियोजित विकास,पारिस्थितिक असंतुलन और प्रशासनिक अक्षमताओं के कारण उत्तराखंड संकटग्रस्त राज्य के रूप मेंआकर ले रहा है जो भविष्य के लिए हानिकारक होगा। यहां की नदियां,वनस्पति, पहाड़ जो मानव जीवन के संतुलन के आधार थे वो ही अब विनाश का कारण बनकर पारिस्थितिक तंत्र को भी कुप्रभावित कर रहे। गोष्ठी का निष्कर्ष था की हमें पर्वतीय स्थिति के अनुकूल हरित विकास मॉडल को अपनाना होगा और सरकार इसमें पर्यावरणविदों को साथ लेकर एक साझा समावेशी पर्यावरणोमुख दृष्टिकोण अपनाते हुए फैसले लेकर ही भावी नीतियों का निर्धारण करे।
गोष्ठी की अध्यक्षता ब्रिगेडियर केजी बहल ने तथा संचालन नरेश चंद्र कुलाश्री ने किया। गोष्ठी का निष्कर्ष था की जिस प्रकार 1942 में 8 अगस्त के दिन अंग्रेजों के खिलाफ पूरा देश एकजुट हुआ था उसी तर्ज पर आपदाओं को रोकने के लिए हमे पर्यावरण बचाओ,हिमालय बचाओ आंदोलन का आगाज करना होगा।
गोष्ठी में शामिल सामाजिक संस्थाओं में संयुक्त नागरिक संगठन स्पेक्स, उत्तरांचल उत्थान परिषद,स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी समिति, दून रेजिडेंट वेलफेयर फ्रंट, बलभद्र खलगां विकास समिति,पूर्व सैनिक संगठन,दून सिख वेलफेयर सोसाइटी, हिमालय पर्यावरण समिति, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच,हर्षल फाउंडेशन,सोशल जस्टिस फाऊंडेशन,धाद आदि संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे । इनमें महावीर सिंह बिष्ट, डा.ब्रजमोहन शर्मा,पूर्व मुख्य वन संरक्षण अधिकारी जयराज तथा डॉक्टर धनंजय मोहन,ब्रिगेडियर के जी बहल,गिरीश चंद्र भट्ट,कर्नल विक्रम सिंह थापा, मेजर एम एस रावत, जितेंद्र आडंडोना,एसपी दूबे,एसपी चौहान, मुकेश शर्मा, दिनेश भंडारी,प्रदीप कुकरेती,अवधेश शर्मा,आशालाल,डा.रमा गोयल,खुशवीर सिंह,कुलदीप सिंह रावत, जीएस जस्सल, हरीराज सिंह,जगदीश बावला, उमेश्वर सिंह रावत,राजेंद्र सिंह रावत आदि शामिल थे।
प्रेषक : सुशील त्यागी सचिव संयुक्त नागरिक संगठन देहरादून