
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में आई भीषण आपदा के बीच शुक्रवार को एक ऐसा भावुक पल देखने को मिला, जिसने वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर दीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे थे, तभी एक महिला ने अपनी साड़ी का किनारा फाड़ा और उसे राखी के रूप में मुख्यमंत्री की कलाई पर बांध दिया।
धनगौरी की कहानी – भय से भरोसे तक का सफर
अहमदाबाद के ईशनपुर निवासी धनगौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री दर्शन के लिए आई थीं। लेकिन 5 अगस्त को धराली में आई अचानक आपदा ने उनका जीवन पलट दिया। तेज बहाव और मलबे ने रास्ता बंद कर दिया और वे अपने परिवार सहित फंस गईं। चारों तरफ तबाही, भय और अनिश्चितता का माहौल था।
इस कठिन घड़ी में मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में राहत एवं बचाव अभियान तेजी से शुरू हुआ। रेस्क्यू टीमों ने खतरनाक परिस्थितियों में भी निरंतर प्रयास कर धनगौरी और उनके परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला। भयभीत चेहरों पर पहली बार राहत की मुस्कान लौट आई।
राखी का अनमोल पल
जब सीएम धामी प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे थे, धनगौरी कृतज्ञता से भर उठीं। उनकी आंखों में आंसू थे, लेकिन अब उनमें डर नहीं, बल्कि विश्वास था। वे आगे बढ़ीं, अपनी साड़ी का एक किनारा फाड़ा और उसे राखी के रूप में मुख्यमंत्री की कलाई पर बांध दिया।
भावुक होकर उन्होंने कहा, “मेरे लिए मुख्यमंत्री धामी भगवान श्रीकृष्ण जैसे हैं, जिन्होंने एक भाई की तरह हमारी रक्षा की है। तीन दिनों से वे हमारे बीच रहकर हमारी सुरक्षा और जरूरतों का ध्यान रख रहे हैं।”
मानवता की मिसाल
धनगौरी ने बताया कि यह केवल कपड़े का टुकड़ा नहीं था, बल्कि उसमें एक बहन का विश्वास, अपनत्व और अपने रक्षक भाई के लिए अटूट स्नेह बुना हुआ था। मुख्यमंत्री धामी ने भी उनका हाथ थामते हुए आश्वासन दिया कि एक भाई के रूप में वे हर परिस्थिति में आपदा प्रभावित बहनों के साथ खड़े रहेंगे और हर संभव मदद दी जाएगी।
धराली की कठिन परिस्थितियों में बहन-भाई के इस रिश्ते का यह अनोखा और मार्मिक क्षण मानवता, संवेदनशीलता और भाईचारे की अनमोल मिसाल बन गया। मलबे और तबाही के बीच जन्मा यह अपनत्व का दृश्य हमेशा के लिए लोगों के दिलों में बस गया।