
देहरादून/उत्तरकाशी | उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में मंगलवार रात बादल फटने की भीषण आपदा के बाद बुधवार दोपहर से राहत और बचाव कार्य ने रफ्तार पकड़ी। मौसम साफ होते ही चिनूक जैसे भारी-भरकम सैन्य हेलिकॉप्टरों की मदद से फंसे लोगों का रेस्क्यू शुरू किया गया। अब तक कुल 39 लोगों को जौलीग्रांट एयरपोर्ट लाया जा चुका है। सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में डटी हुई हैं।
6 की मौत, कई लापता, 274 लोग सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाए गए
जिला प्रशासन के अनुसार, अब तक इस आपदा में छह लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। दूसरी ओर, गंगोत्री और आसपास के क्षेत्रों से 274 तीर्थयात्रियों व पर्यटकों को हर्षिल लाया गया है। इनमें गुजरात से 131, महाराष्ट्र से 123, मध्य प्रदेश से 21, उत्तर प्रदेश से 12, और अन्य राज्यों से भी लोग शामिल हैं। सभी को सुरक्षित माना जा रहा है और धीरे-धीरे देहरादून की ओर लाया जा रहा है।
चिनूक से रेस्क्यू, पहुंचाए गए जनरेटर और वीसैट
वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टरों की सहायता से न केवल लोगों को रेस्क्यू किया गया, बल्कि अब राहत सामग्री और तकनीकी उपकरण भी प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचाए जा रहे हैं। बुधवार शाम तक चिनूक हेलिकॉप्टर से एक जेनरेटर और एक वीसैट (VSAT – Very Small Aperture Terminal) को मातली पहुँचाया गया, जो अब हर्षिल में लगाया जा रहा है। इसके शुरू होते ही इंटरनेट कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होगा और राहत समन्वय और तेज हो सकेगा।
हर्षिल से संपर्क बहाली की कोशिश, तीन दिनों में सड़क खुलने की उम्मीद
सीमा सड़क संगठन (BRO) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने बताया कि धराली और हर्षिल के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन और एक पुल का टूटना बड़ी बाधा है, लेकिन BRO की टीमें युद्धस्तर पर काम कर रही हैं। अगले तीन दिनों में सड़क संपर्क बहाल होने की उम्मीद है। इस बीच, वैकल्पिक मार्ग बनाने या पुरानी सड़कें खोलने के प्रयास जारी हैं।
धराली रेस्क्यू ऑपरेशन पर केंद्र की निगरानी
दिल्ली से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की अगुवाई में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें सेना, वायुसेना, ITBP, BRO, मौसम विभाग और NDRF के अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए। सभी ने धराली रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की और तेजी से राहत पहुँचाने की रणनीतियाँ तय कीं।
राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू
धराली आपदा के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने सरकार पर राहत में लापरवाही का आरोप लगाया। भटवाड़ी से आगे संपर्क टूटने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि “सरकार सिर्फ झूठे दावे कर रही है, जबकि असली काम सेना और आईटीबीपी के जवान कर रहे हैं।”
तीन दिन बाद भी जारी है संघर्ष
आपदा के तीसरे दिन भी सड़कें टूटी हुई हैं, कई क्षेत्रों में संपर्क पूरी तरह बंद है, और हजारों लोग अभी भी अनिश्चितता के दौर से गुजर रहे हैं। मनारी के पास नदी में समाया सड़क मार्ग अभी भी बहाल नहीं हो सका है, लेकिन BRO के कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री पहुंचे उत्तरकाशी, ग्रामीणों से मिले
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी जिला अस्पताल का दौरा किया और धराली क्षेत्र से आए ग्रामीणों से मुलाकात कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने भरोसा दिया कि सरकार पूरी ताकत से राहत कार्यों में जुटी है और हर पीड़ित को सहायता पहुंचाई जाएगी।
अगले कुछ दिन चुनौतीपूर्ण
अगले कुछ दिनों में मौसम की स्थिति, सड़क बहाली और संचार माध्यमों की उपलब्धता ही आपदा प्रबंधन की दिशा तय करेगी। चिनूक हेलिकॉप्टर की निरंतरता, BRO का सिविल कार्य और NDRF की संवेदनशील क्षेत्र में उपस्थिति अब लोगों की जान बचाने की दिशा में निर्णायक साबित हो रही है।
📌 अब तक की मुख्य बातें (संक्षेप में):
- 6 की मौत, दर्जनों लापता
- 274 लोगों को सुरक्षित स्थान पर लाया गया
- चिनूक से 39 लोगों का रेस्क्यू
- सड़क संपर्क बहाल करने के प्रयास जारी
- हर्षिल में जल्द इंटरनेट सेवा बहाल
- सेना, NDRF, वायुसेना की टीमें सक्रिय
- मुख्यमंत्री धामी ने दौरा किया
- कांग्रेस ने उठाए राहत कार्य पर सवाल