
देवरिया | उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। स्थानीय चौकी क्षेत्र अंतर्गत सरहसबह नौका टोला गांव में एक 42 वर्षीय व्यक्ति का शव मंगलवार सुबह उसके कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला। मृतक की पहचान दिनेश निषाद पुत्र बिरहंगी निषाद के रूप में हुई है। इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है, वहीं मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
रात में किया भोजन, सुबह मिली लाश
जानकारी के अनुसार, दिनेश निषाद ने सोमवार रात खाना खाने के बाद हमेशा की तरह अपने कमरे में जाकर सो गए थे। परिजनों के अनुसार, उन्होंने कमरे को भीतर से बंद कर लिया था। सुबह जब घरवाले उन्हें जगाने गए, तो दरवाजा बंद मिला। आवाज देने पर भी जब भीतर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, तो संदेहवश परिजनों ने दरवाजा तोड़कर भीतर प्रवेश किया। अंदर का दृश्य देखकर परिजन स्तब्ध रह गए। दिनेश का शव कमरे के पंखे के छल्ले से गमछे के सहारे झूल रहा था। चीख-पुकार सुनकर आसपास के ग्रामीण भी मौके पर जुट गए और घटना की सूचना पुलिस को दी गई।
पुलिस पहुंची मौके पर, शव पोस्टमार्टम को भेजा गया
सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक अविनाश मौर्य पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। लेकिन तब तक परिजनों ने शव को फंदे से उतारकर जमीन पर लिटा दिया था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कानूनी कार्रवाई पूरी की और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के अनुसार, मौत के कारणों की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
छह बच्चों को बेसहारा छोड़ गया दिनेश
मृतक दिनेश निषाद अपने पीछे पत्नी इसरावती देवी (39) और छह छोटे-बड़े बच्चों को छोड़ गए हैं। बेटियों में नीतू (17), निधि (13), शिवानी (10), नेहा (8), खुशबू (6) और एक बेटा कार्तिक (4) शामिल हैं। दिनेश के अचानक इस तरह चले जाने से परिवार गहरे सदमे में है। बच्चों और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने पड़ोसी और रिश्तेदार जुटे हैं, जो परिजनों को ढांढस बंधा रहे हैं।
ग्रामीणों में पसरा मातम, परिवार की आर्थिक स्थिति गंभीर
दिनेश निषाद एक मेहनतकश और सरल स्वभाव का व्यक्ति बताया जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार, वह किसी तरह मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालते थे। उनकी मौत से परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। अब सवाल उठता है कि इस बेसहारा परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा? ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने शासन से मांग की है कि इस परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था की जाए।
जांच जारी, हर एंगल से हो रही पड़ताल
चौकी प्रभारी ने बताया कि फिलहाल आत्महत्या की आशंका जताई जा रही है, लेकिन जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आ जाती और परिवारजन से विस्तृत पूछताछ नहीं हो जाती, तब तक किसी नतीजे पर पहुँचना जल्दबाज़ी होगा। पुलिस हर संभावित एंगल से जांच कर रही है।